केन्द्रीय करों में हिस्सा बढ़ाने की 15वें वित्त आयोग से की जायेगी मांग: सुशील मोदी
उल्लेखनीय है कि चार दिवसीय दौरे के दौरान वित्त आयोग एक अक्टूबर को शहरी व ग्रामीण स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा, जबकि तीन अक्टूबर को बिहार सरकार की ओर से दिए जाने वाले ज्ञापन पर विस्तृत चर्चा होगी तथा उसी दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी वित्त आयोग की टीम मुलाकात करेगी
पटना. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां बुधवार को कहा कि एऩ क़े सिंह की अध्यक्षता में चार दिवसीय दौरे पर बिहार आ रही 15वें वित्त आयोग की टीम से केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने की पूरी मजबूती से मांग की जाएगी. यह टीम 30 सितंबर को बिहार पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि 12वें से लेकर 14वें वित्त आयोग के दौरान केन्द्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी में लगातार कमी आई है. मोदी ने कहा, "12वें वित्त आयोग में जहां केन्द्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी 11़ 028 प्रतिशत थी, वहीं 13वें में 10़ 917 प्रतिशत और 14वें में 9़ 787 प्रतिशत रही. 12वें और 13वें वित्त आयोग में जहां जनसंख्या को केन्द्रीय करों में हिस्सेदारी के लिए 25 प्रतिशत वेटेज दिया गया था.
वहीं 14वें वित्त आयोग में इसे घटा कर 17़ 5 प्रतिशत कर दिया गया. इसी प्रकार वन क्षेत्र के लिए मिलने वाले 7़ 5 प्रतिशत के वेटेज का लाभ भी बिहार को नहीं मिल पाया, क्योंकि झारखंड के अलग होने के बाद बिहार में नाममात्र का ही वनक्षेत्र रह गया." यह भी पढ़े-पटना में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की बहन के घर इनकम टैक्स का छापा
उल्लेखनीय है कि चार दिवसीय दौरे के दौरान वित्त आयोग एक अक्टूबर को शहरी व ग्रामीण स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा, जबकि तीन अक्टूबर को बिहार सरकार की ओर से दिए जाने वाले ज्ञापन पर विस्तृत चर्चा होगी तथा उसी दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी वित्त आयोग की टीम मुलाकात करेगी. चार अक्टूबर को वित्त आयोग उद्योग, व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा.
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर, 2019 तक 15वां वित्त आयोग देश के सभी राज्यों का दौरा कर अपनी रपट भारत सरकार को सौंपेगा, जिसके आधार पर 2020-2025 के लिए केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी निर्धारित की जाएगी.