Delhi Election Results 2020: आम आदमी पार्टी को मिला मुसलमानों का जबरदस्त साथ, पार्टी के लिए की बंपर वोटिंग
प्रतिकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो )

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवारों ने दिल्ली में अपने 2015 के प्रदर्शन को दोहराते हुए पांच मुस्लिम बहुल सीटों पर कब्जा कर लिया है.  मटिया महल से आप उम्मीदवार शोएब इकबाल, बल्लीमारान से इमरान हुसैन, चांदनी चौक से प्रहलाद सिंह साहनी और सीलमपुर से अब्दुल रहमान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों को आसानी से मात दे दिया. ओखला, सीलमपुर और पुरानी दिल्ली क्षेत्र में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी. लेकिन उम्मीदों के विपरीत मुस्लिम अल्पसंख्यकों ने आप के पक्ष में मतदान किया.

ओखला से कांग्रेस नेता परवेज आलम खान ने स्पष्ट रूप से कहा, "मुख्य फोकस भाजपा को हराने पर था और हम उन्हें हराने के लिए अपने को आगे नहीं कर सके, इसलिए वोटरों ने आप को चुना. इसी तरह की भावना दूसरे मुस्लिम बाहुल्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी देखा गया. कलीम हाफिज दिल्ली व उत्तर प्रदेश में कई शैक्षिक संस्थान चलाते हैं। उन्होंने कहा, "मुस्लिम वोटिंग का पैटर्न दिखाता है कि उनके दिमाग में दो चीजें रही-भाजपा को हराना और दूसरा कौन सरकार बनाने जा रहा है और कांग्रेस इसमें नहीं थी. यह भी पढ़े: दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम 2020: बीजेपी की हार के बाद जेपी नड्डा बोले-हमें जनादेश मंजूर, अरविंद केजरीवाल को जीत की बधाई

आप उम्मीदवार अमानतुल्ला खान ने ओखला सीट से भारी अंतर से जीत हासिल की, जो सीएए विरोधी प्रदर्शन का केंद्र रहा है। बीते चुनाव के अंतर को पीछे छोड़ते हुए अमानतुल्ला को मतदान के कुल 81 फीसदी वोट मिले. सीलमपुर निर्वाचन क्षेत्र में आप को कुल डाले गए वोट का 54 फीसदी से ज्यादा मिला और यह पहला निर्वाचन क्षेत्र था, जहां मंगलवार को सबसे पहले नतीजे घोषित किए गए. मटिया महल में पूर्व डिप्टी स्पीकर शोएब इकबाल भारी अंतर से चुनाव जीते और उन्हें 75 फीसदी से ज्यादा वोट मिले. बल्लीमारान में आप विधायक व मंत्री इमरान हुसैन ने बड़े अंतर से चुनाव जीता और 64 फीसदी वोट हासिल किया है.

चांदनी चौक में मौजूदा आप विधायक अलका लांबा चुनाव हार गई.  लांबा कांग्रेस की तरफ से मैदान में थी। जबकि पूर्व कांग्रेस विधायक जो आप की तरफ से चुनाव लड़े प्रह्लाद सिंह साहनी ने इस सीट से जीत दर्ज की। उन्हें कुल मतदान का 60 फीसदी से ज्यादा मिला. अल्पसंख्यक बाबरपुर व मुस्तफाबाद में भी आप के पक्ष में रहे.