Delhi MCD Election: दिल्ली में 4 दिसंबर को होगा नगर निगम का चुनाव, 7 दिसंबर को आएंगे नतीजे, आचार संहिता आज से ही लागू
चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी कि एमसीडी चुनाव के मद्देनजर आज से ही चुनाव संहिता लागू होती है. रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर पर रोक रहेगी.
Delhi MCD Election: दिल्ली में नगर निगम (MCD) के चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. दिल्ली चुनाव आयुक्त विजय देव ने बताया कि दिल्ली में 7 नवंबर से नामांकन शुरू हो जाएंगे. 14 नवंबर नामांकन की आखिरी तारीख होगी. उसके बाद 4 दिसंबर को वोटिंग होगी और 7 दिसंबर को मतगणना होगी. Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में ईसूदान गढ़वी होंगे AAP के CM कैंडिडेट, अरविंद केजरीवाल ने किया ऐलान
चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी कि एमसीडी चुनाव के मद्देनजर आज से ही चुनाव संहिता लागू होती है. रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर पर रोक रहेगी. एक करोड़ 46 लाख 73 हजार मतदाता हैं. निगम चुनाव के लिए एक एप बनाया गया है. लोग एप पर अपना नाम देख सकते हैं और शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं.
दिल्ली राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा "हमने दिल्ली में परिसीमन प्रक्रिया पूरी की. मतदान केंद्रों की फिर से रूपरेखा तैयार की गई. अब हम दिल्ली में 250 वार्ड के लिए तैयार हैं. 68 निर्वाचन क्षेत्रों में दिल्ली नगर निगम का अधिकार क्षेत्र है. 42 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. सभी सहायक रिटर्निंग अधिकारियों को रिटर्निंग अधिकारियों की सहायता करने की जिम्मेदारी दी गई है.
दिल्ली राज्य चुनाव आयुक्त विजय देव ने बताया कि दिल्ली में परिसीमन प्रक्रिया जरूरी थी, ये लंबी प्रक्रिया है. हमने समय सीमा में परिसीमन प्रक्रिया को पूरा किया। मतदान केंद्रों की फिर से रूपरेखा तैयार की गई. दिल्ली नगर निगम के तहत 68 निर्वाचन क्षेत्र हैं, जिनमें 250 वार्ड निर्धारित किए गए हैं..
एमसीडी के एकीकरण के बाद अब अस्तित्व में आए दिल्ली नगर निगम के वार्ड की संख्या पहले की तुलना में घट गई है तो पार्षद के क्षेत्र का दायरा भी बढ़ा है. दिल्ली नगर निगम में कुल 250 पार्षद सीटें हैं, जबकि पहले 272 सीटें थीं. दिल्ली के 21 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक वार्ड कम किए गए हैं तो एक विधानसभा में सीट बढ़ी भी है.
एमसीडी चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के लिए अग्निपरीक्षा है. पिछले 15 सालों से एमसीडी पर बीजेपी काबिज है और एक बार फिर से अपने वर्चस्व को बनाए रखने की कवायद में है.