दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020: अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कहकर क्या बीजेपी ने कर दी 2015 वाली गलती?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( फोटो क्रेडिट- PTI )

Delhi Assembly Election 2020:- दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP और BJP के बीच तगड़ी जुबानी जंग छिड़ी हुई है. एक दूसरे पर जमकर हमला दोनों ही पार्टी के नेता कर रहे है. बीजेपी की कमान गृहमंत्री अमित शाह के हाथ में है तो सीएम अरविंद केजरीवाल AAP की रथ को हांकते नजर आ रहे हैं. मीडिया की सुर्खियों में दोनों दलों के नेता छाए हुए हैं. इसी बीच बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के एक कथित बयान में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कह के इस आग में घी डालने का काम कर दिया. आतंकवादी शब्द को केजरीवाल ने ठीक उसी तरह से लपका जैसे क्रिकेट का कोई खिलाड़ी बल्लेबाज की गेंद पकड़ता हो. प्रवेश वर्मा के इस विवादित बयान के तुरंत बाद सीएम केजरीवाल ने पत्रकार परिषद बुला लिया और जनता से पूछा कि मैंने लोगों के लिए दवा और टेस्ट की व्यवस्था की. क्या शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए इंतजाम करने वाला आतंकवादी होता है. बुजुर्गों के बारे में सोचा तो क्या मैं आतंकवादी बन गया. शहीद के परिवार का ख्याल रखा, तो मैं आतंकवादी हूं.

बीजेपी नेता का यह बयान कहीं साल 2015 वाले बयान की तरह उनके गले फांस न बन जाए. शायद आपको याद नहीं होगा. लेकिन 2015 में बीजेपी ने विज्ञापन के माध्यम से अरविंद केजरीवाल के 'उपद्रवी गोत्र' का बता दिया था. जिसके बाद जमकर हंगाम मचा था. यह विज्ञापन बीजेपी की गले की ऐसी फांस बनी कि इसपर सफाई देने के लिए खुद मंत्री पियूष गोयल सामने आए. उन्होंने कहा था कि AAP इसे जाती रंग दे रही है. वहीं केजरीवाल ने इसे अग्रवाल समाज जोड़ते हुए उनका अपमान बताया था. वहीं इस बार के विधानसभा चुनाव में सीएम केजरीवाल को आतंकी बीजेपी ने कह डाला.

बता दें कि जनता से सीएम केजरीवाल ने पूछा था कि मैंने अपना जीवन देश की सेवा में लगाया है. केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने मधुमेह का रोगी होने के बाद भी भ्रष्टाचार के खिलाफ भूख हड़ताल की. उन्होंने मुझे परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, मेरे घर पर छापे मारे, मेरे दफ्तर पर छापे मारे, मेरे खिलाफ मामले दर्ज किए. अब मैं इसका फैसला दिल्ली की जनता पर छोड़ता हूं कि वह उन्हें अपना बेटा मानते हैं, भाई मानते हैं या फिर आतंकवादी समझते हैं.