दंतेवाड़ा: पूर्व सीएम रमन सिंह ने दिवंगत विधायक भीमा मंडावी को दी श्रद्धांजलि, नक्सली हमले को बताया राजनीतिक साजिश
रमन सिंह (Photo Credits: ANI)

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में मंगलवार को नक्सलियों (Naxals) द्वारा किए गए विस्फोट में मारे गए विधायक भीमा मंडावी (Bheema Mandavi) के पार्थिव शरीर को बुधवार को गदापाल (Gadapal) में उनके आवास पर लाया गया. इस दौरान छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी (BJP) नेता रमन सिंह (Raman Singh) ने दिवंगत विधायक भीमा मंडावी को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से एक राजनीतिक साजिश (Political Conspiracy) की तरह लगता है, इसलिए हम हमले की जांच चाहते हैं. इसस पहले मंगलवार को रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस (Congress) की बोली और गोली का असर दिखने लगा है.

छत्तीसगढ़ के नक्सल विरोधी अभियान के महानिदेशक गिरधारी नायक और पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने मंगलवार को बताया था कि दंतेवाड़ा जिला के कुंआकोण्डा थाना के क्षेत्र के अंतर्गत कुआकोण्डा से लगभग चार किलोमीटर दूर कुआकोण्डा-बचेली मार्ग पर श्यामगिरी के पास दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक भीमा मंडावी अपने सुरक्षा काफिले के साथ जा रहे थे. उन्होंने बताया कि शाम लगभग 04.45 बजे माओवादियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर उनके वाहन को उड़ा दिया जिसमें विधायक मंडावी की मृत्यु हो गई और उनके वाहन चालक आरक्षक दंतेश्वर मौर्य और तीन पीएसओ प्रधान आरक्षक छगन कुलदीप, रामलाल ओयामी और आरक्षक सोमडू कवासी शहीद हो गए.

विधायक पर हमले में 100 नक्सलियों के शामिल होने की आशंका

दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बुधवार को बताया कि इस घटना के दौरान नक्सली कमांडर विनोद और देवा के नेतृत्व में लगभग सौ की संख्या में नक्सलवादी मौजूद थे. इनमें से लगभग 60 हथियारबंद थे. पल्लव ने बताया कि इस क्षेत्र में माओवादियों का मलांगिर एरिया कमेटी सक्रिय है. इस एरिया कमेटी के साथ इस घटना में केरलापाल एरिया कमेटी और जगरगुंडा एरिया कमेटी के नक्सली भी शामिल थे. उन्होंने बताया कि घटना के बाद नौ एमएम पिस्टल और दो रायफल गायब है. संभवत: नक्सली उसे अपने साथ ले गए हैं. यह भी पढ़ें- दंतेवाड़ा नक्सली हमला: पूर्व सीएम रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार पर साधा निशाना, कहा- कांग्रेस की बोली और गोली का असर दिखने लगा है

पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने इस घटना को योजना बनाकर अंजाम दिया है क्योंकि कम समय में बड़ी संख्या में हथियारबंद नक्सली एकत्र नहीं हो सकते हैं. शायद विधायक मंडावी को नक्सलियों ने अपने बुने हुए जाल में फंसाया और उनकी हत्या की. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में मंगलवार को मंडावी का तीसरा चुनावी दौरा था. इससे पहले इस मार्ग को डीआरजी के जवानों ने पांच दिनों में दो बार सुरक्षित किया था. इससे इस बात की आंशका है कि नक्सलियों ने एक दिन में ही यहां बम को लगाया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस मंडावी के कॉल डिटेल की जांच कर रही है. विधायक का मोबाईल फोन भी गायब है। शायद नक्सली उसे अपने साथ ले गए हैं.

भाषा इनपुट