दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) के खिलाफ धनशोधन मामले में दायर आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया. यह तीसरी पूरक आरोप-पत्र है. इसमें 35 नए आरोपी हैं, जिनमें से 20 कंपनियां हैं. मीसा भारती और उनके पति भी इसी मामले में आरोपी हैं. दोनों फिलहाल जमानत पर हैं. विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर ने आरोप-पत्र पर संज्ञान लेने के बाद सभी आरोपियों को सुनवाई की अगली तारीख 23 नवंबर को पेश होने के लिए तलब किया है.
अन्य सभी आरोपी जिन पर पहले ही आरोप-पत्र दाखिल हो चुका है, फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. ईडी ने 2017 में दो भाइयों सुरेंद्र कुमार जैन और वीरेंद्र जैन सहित कुछ अन्य लोगों के खिलाफ जांच के तहत एक फार्महाउस और कुछ अन्य स्थानों पर छापा मारा था. इन पर शेल कंपनियों का उपयोग करके करोड़ों रुपये लूटने का आरोप है. एजेंसी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जैन बंधुओं को गिरफ्तार किया गया था.
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एजेंसी ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया था, जिन्होंने कथित रूप से मध्यस्थता करते हुए जैन भाइयों को अग्रिम तौर पर 90 लाख रुपये की नकद राशि प्रदान की थी, ताकि मेसर्स मिशिल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्रा. लि. में निवेश कर प्रीमियम साझा कर सके. भारती और उनके पति पर आरोप है कि वह पहले इस फर्म में निदेशक थे. ईडी ने आरोप लगाया है कि जैन बंधु, अग्रवाल, भारती और उनके पति मनी लॉन्ड्रिंग के पीछे प्रमुख व्यक्ति थे.