कोरोना संकट के बीच केंद्र का राज्यों, केन्द्रशासित प्रदेशों को निर्देश-धार्मिक समारोहों की अनुमति न दें

इस महीने त्योहारों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे किसी भी सामाजिक या धार्मिक सभा की अनुमति न दें और इस दौरान कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए लॉकडाउन का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक भेजे पत्र में जिला अधिकारियों और फील्ड एजेंसियों को विशिष्ट प्रतिबंधों के बारे में सूचित करने के निर्देश दिए हैं

गृह मंत्रालय (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली. इस महीने त्योहारों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे किसी भी सामाजिक या धार्मिक सभा की अनुमति न दें और इस दौरान कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए लॉकडाउन का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक भेजे पत्र में जिला अधिकारियों और फील्ड एजेंसियों को विशिष्ट प्रतिबंधों के बारे में सूचित करने के निर्देश दिए हैं. ये वही प्रतिबंध हैं जिनका लॉकडाउन के दौरान पालन हो रहा है. भल्ला ने उन्हें "कानून और व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक शांति के रखरखाव के लिए सभी आवश्यक एहतियाती और निवारक उपाय करने के लिए भी निर्देशित किया.

गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा है, "अप्रैल 2020 के महीने में आने वाले त्योहारों के मद्देनजर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे कोविड -19 से लड़ने के लिए लॉकडाउन के उपायों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें और किसी भी सामाजिक और धार्मिक सभा या जुलूस की अनुमति न दें. "यह निर्देश बैसाखी और अम्बेडकर जयंती के मद्देनजर आया है, जो कि क्रमश: 13 अप्रैल और 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। वहीं रमजान 23 अप्रैल से शुरू होगा. संचार माध्यमों में किसी भी आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर उचित सतर्कता बरती जानी चाहिए. यह भी पढ़े-Coronavirus: भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित 24 घंटे में 896 नए मामले आए सामने, कोविड-19 से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 6,761 हुई

गह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि सार्वजनिक प्राधिकरणों, सामाजिक या धार्मिक संगठनों और नागरिकों के ध्यान के लिए दिशानिर्देशों के संबंधित प्रावधानों को व्यापक रूप से प्रसारित किया जाना चाहिए. किसी भी लॉकडाउन उपाय के उल्लंघन पर कानून लागू कराने वाली एजेंसियों द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और आईपीसी के प्रासंगिक दंड प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.

देश में कोरोनवायरस महामारी के रोकथाम के लिए केंद्र, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के मंत्रालयों और विभागों द्वारा किए जाने वाले लॉकडाउन उपायों पर समेकित दिशा-निर्देश 24 मार्च को गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किए गए थे. आगे के संशोधनों में 25 मार्च, 27 मार्च, 2 अप्रैल और 3 अप्रैल को भी दिशानिर्देश जारी किए गए थे जिसके तहत बिना किसी अपवाद के किसी भी धार्मिक मण्डली को अनुमति नहीं दी जाएगी और सभी सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यों या समारोहों पर रोक लगा दी जाएगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए एक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। इस बीमारी से अब तक 199 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि देश भर में 5,700 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है.

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