नई दिल्ली: कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्यों के चुनाव नजदीक आने पर वह पेट्रोलियम उत्पादों के दाम कम करने और लोगों की चिंता का ‘नाटक’ करते हैं.
पार्टी ने यह भी कहा कि पिछले नौ दिनों में कच्चे तेल की कीमतो में करीब पांच डॉलर की कमी हुई, लेकिन सरकार ने पेट्रोल-डीजल को लेकर जनता को राहत देने की बजाय दाम में बढ़ोतरी की है.
कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने संवाददाताओं से कहा,‘‘आज प्रधानमंत्री ने 40 तेल कंपनियों के अधिकारियों को बुलाया. उसमें क्या निकला, किसी को पता नहीं. दरअसल, चुनाव के समय प्रधानमंत्री को पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों की याद आती है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल गुजरात चुनाव के समय पेट्रोल-डीजल की कीमत दो रुपये की घटाई गई. कर्नाटक चुनाव के समय 17 दिनों तक पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी. अब फिर से चुनाव से ऐन पहले बैठकें हो रही हैं. प्रधानमंत्री को जनता की चिंता नहीं है, बल्कि चुनाव से पहले लोगों की चिंता का नाटक करते हैं.’’
सिंह ने कहा, ‘‘पिछले नौ दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में पांच डॉलर प्रति बैरल की कमी आई है, लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई कमी नहीं हुई. हम फिर यह मांग करते हैं कि पेट्रोल एवं डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए.’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने पेट्रोल एवं डीजल पर कर के जरिये 13 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए हैं, उसका हिसाब दिया जाना चाहिए.
इससे पहले पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि जनता को राहत देने की सरकार की घोषणा 10 दिनों में ही 'जुमला' साबित हुई.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''10 दिनों में ही मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल पर अपनी जुमलापूर्ण राहत वापस ले ली. मात्र 1.5 रुपये की मामूली राहत के बाद दिल्ली में पेट्रोल के दाम 1.22 रुपये बढ़े और डीज़ल के दाम 2.51 रुपये बढ़े.''
सुरजेवाला ने कहा, '' इसे कहते हैं रोलबैक का रोलबैक. मोदी जी के छल की वजह से हर पल जनता पर बोझ पड़ रहा है."
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