पटना: कई बैठकों के बाद आखिरकार लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच सीटों की डील लगभग फाइनल हो गई है. जानकारी के मुताबिक आरजेडी के खाते में 20 सीटे आई है जबकि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 10 सीटों पर ही संतोष करना पड़ेगा. सीटों के बंटवारे को लेकर चली लंबी खीचतान के बाद बिहार में यह समीकरण बन पाया है.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर सभी विपक्षी दलों के बीच बात बन गई है. अब बस कुछ छोटे सहयोगियों को लेकर तालमेल बिठाना बाकी है. ताजा जानकारी के मुताबिक आरजेडी और कांग्रेस की सीटें फाईनल होने के बाद 10 सीटें बाकी बचती है. जो कि समाजवादी पार्टी (सपा), वामपंथी पार्टियां, शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, तारिक अनवर, सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी और अगर उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन के बीच बांटी जाएगी.
वहीं दूसरी ओर सत्ता में काबिज जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और बीजेपी के बीच भी सीटों के बंटवारे पर महज मुहर लगनी रह गई है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी संजय झा ने बताया है कि जहां तक 2019 के चुनावों का सवाल है तो सीट साझा करने का मुद्दा सुलझ चुका और इसे लेकर सही समय पर घोषणा कर दी जाएगी.
जेडीयू ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सीर्फ दो ही सीटें जीती थीं. लेकिन इसके बावजूद बीजेपी जेडीयू के प्रति दरियादिली दिखा सकती है. इसलिए सीटों के बंटवारे में बराबर का हिस्सा लग सकता है. दरअसल जेडीयू 2014 में एनडीए का हिस्सा नहीं था और अलग चुनाव लड़ा था. जबकी बाकी बची सीटें एनडीए के अन्य दो और सहयोगियों रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली एलजेपी और उपेंद्र कुशवाह के नेतृत्व वाले आरएलएसपी को दी जा सकती है.