गांधीनगर, 27 अक्टूबर: गुजरात में कांग्रेस ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत (Acharya Devvrat) को एक भाजपा मंत्री की शिकायत करते हुए पत्र लिखा है. गुजरात के वन और आदिवासी विकास राज्य मंत्री ने एक चुनावी रैली में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौजूदगी में कहा था कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने कांग्रेस (Congress) विधायकों को कम पैसा दिया था. ये दोनों नेता, उम्मीदवार जीतू चौधरी के लिए प्रचार कर रहे थे, जिन्होंने कांग्रेस से पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया था. कांग्रेस ने राज्यपाल के पास एक औपचारिक शिकायत दर्ज की है, और भाजपा सरकार (BJP Government) और मंत्री के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
पाटकर ने अपने संबोधन में जनता से कहा था, "जीतूभाई ने कांग्रेस के साथ रहकर बहुत मुश्किलें झेलीं. हम (भाजपा सरकार) उन्हें आपके क्षेत्र के लिए कम धन आवंटित करते थे, क्योंकि हमें शेष राशि संगठन (संगठनात्मक संरचना) को देनी थी. लिहाजा जीतूभाई ने आपके क्षेत्र में जो वादे किए वो पूरे नहीं हो पाए. लेकिन अब जबकि वे भाजपा में हैं, तो उन्हें अधिक धनराशि मिलेगी और वे आपके काम करा पाएंगे."
कांग्रेस ने राज्यपाल से शिकायत की है कि मंत्री का ऐसा बयान "संविधान की तीसरी अनुसूची के तहत ली गई शपथ के विपरीत पूरी तरह से असंवैधानिक और विपरीत है". पार्टी ने यह भी लिखा है कि गुजरात सरकार ने भी इसका उल्लंघन किया है क्योंकि मुख्यमंत्री भी वहां मौजूद थे और उन्होंने पाटकर के बयान का खंडन नहीं किया.
विपक्ष के नेता परेश धनानी ने कहा, "मंत्री के संबोधन से मतलब है कि निर्वाचित विधायक यदि वह विपक्षी दल से हैं तो उन्हें उनके संवैधानिक अधिकार नहीं दिए जाएंगे और उनके निर्वाचन क्षेत्रों को उनके लाभों से वंचित किया जाएगा .. और फिर ऐसे विधायकों को लालच दिया जाएगा."