पणजी, 5 जून: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के युवा यहां हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में काम कर सकते हैं, तो गोवा के लोग क्यों नहीं काम कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने राज्य में नौकरी की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए और कहा कि हर किसी के सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती. उत्तर गोवा में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में व्यावसायिक मार्गदर्शन पर एक सेमिनार का उद्घाटन करने के बाद सावंत ने कहा कि हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में कई अवसर हैं, जिसका गोवा के युवा फायदा उठा सकते हैं. BJP का बड़ा बयान, कहा- सभी धर्मों का करते हैं सम्मान, मंजूर नहीं पूजनीयों का अपमान
उन्होंने कहा, "अगर हम सर्वेक्षण करें, तो कोविड लॉकडाउन अवधि के दौरान लोगों ने एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन करना शुरू कर दिया था. गोवा के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में अधिकतम 80 प्रतिशत कर्मचारी बाहरी हैं और वे .. हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और बाकी अन्य राज्य यहां आकर काम करते हैं. हालांकि, यहां लोग कहते हैं कि नौकरी नहीं है."
उन्होंने कहा कि सभी को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी क्योंकि वर्तमान में यहां 70,000 सरकारी कर्मचारी हैं. उन्होंने कहा, 'सेवानिवृत्ति के हिसाब से 8 से 10 हजार (उम्मीदवारों) की भर्ती की जा सकती है.'
उन्होंने कहा, "कई लोग ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद अपना करियर चुनने में भ्रमित हो जाते हैं. उनमें से ज्यादातर किसी भी पद पर नौकरी के लिए प्रयास करते हैं. मैंने इसे 2012 से अपने राजनीतिक करियर में देखा है. वे अपनी प्रतिभा और कौशल की पहचान करने में विफल रहते हैं."
उन्होंने कहा, "भविष्य में यहां (गोवा में) हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में काफी संभावनाएं होंगी. इसके महत्व को जानने और अवसर का लाभ उठाने की जरूरत है." सावंत ने कहा कि अगर कार्यस्थल पर ईमानदारी और निष्ठा से काम किया जाए तो व्यक्ति प्रगति हासिल कर सकता है.