रांची: राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 220 के किनारे बसे झारखंड में सरायकेला जिले के राजनगर थाना क्षेत्र के मरूमडीह का वर्षो पुराना पुल जर्जर हो गया. इसके बाद प्रशासन ने पुल पर आवगमन तो रोक दिया, लेकिन डायवर्सन का निर्माण नहीं करवाया, जिससे हाता-चाईबासा मार्ग पर आवागमन ठप हो गया. जब यह समस्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के संज्ञान में लाई गई, तब डायवर्सन के निर्माण की आस लोगों में जगी.
एक स्थानीय युवक ने इस मामले में स्थानीय दैनिक समाचार पत्र की कटिंग के साथ मुख्यमंत्री को ट्वीट करते हुए लिखा, "कृपा कर इस मामले को संज्ञान में लीजिए, करीब 1000 ग्रामीण भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं."
.@DCEastSinghbhum कृपया इस सबर परिवार को अविलम्ब ज़रूरी सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए सूचित करें।
साथ ही क्षेत्र के अन्य सभी सबर/PVTG परिवारों की स्थिति का जायज़ा लें और सुनिश्चित करें की उन्हें उनका वाजिब हक़ समय पर प्राप्त हो रहा है। https://t.co/CmRm0C56V2
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) March 6, 2020
इस ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री ने सरायकेला के उपायुक्त को ट्वीट के जरिए ही निर्देश देते हुए लिखा, "जब तक पुलिया का निर्माण न हो, तब तक यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए डायवर्सन का अविलंब निर्माण करा सूचित करें." हाता-चाईबासा पर भारी वाहनों का परिचालन पिछले एक पखवाड़े से ज्यादा समय से बंद है. इसका कारण है कि एनएच 220 पर राजनगर थाना क्षेत्र के मरूमडीह का वर्षो पुराना पुल जर्जर स्थिति में है. एहतियातन प्रशासन ने इस पुल पर भारी वाहनों का परिचालन रोक दिया.
पथ निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल चाईबासा के कार्यपालक अभियंता की ओर से पुल के दोनों ओर चेतावनी और सावधानी से संबंधित सांकेतिक बोर्ड लगा दिया गया, मगर डायवर्सन का निर्माण नहीं कराया गया. ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग पर वाहनों का परिचालन बंद होने से व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ा है. चाईबासा भाया सरायकेला मार्ग को छोड़कर अधिकांश भारी वाहन इसी मार्ग से लौह अयस्क और अन्य माल की ढुलाई करते हैं. इस क्षेत्र में कई क्रशर मशीनें भी हैं.
आवगमन ठप होने से परेशान लोगों ने मुख्यमंत्री के संज्ञान में इस समस्या को लाया. मुख्यमंत्री ने भी कार्रवाई करने में देर नहीं की. मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद अब लोगों में आस जगी है. इसके बाद सरायकेला उपायुक्त ने मुख्यमंत्री के ट्वीट के जवाब में ट्वीट कर लिखा, "आपके निर्देश पर पुन: कार्यालय पत्रांक 201/4 मार्च द्वारा मुख्य अभियंता राष्ट्रीय उच्च पथ से डायवर्सन निर्माण के लिए अनुरोध किया गया है."