दिल्ली में 20 अप्रैल के बाद से COVID-19 मामलों में गिरावट दर्ज, मत्यु दर में आई कमी: CM अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि कोरोनोवायरस लॉकडाउन के आठवें सप्ताह में दिल्ली की स्थिति और हफ्तों की तुलना में बेहतर रही है, जिसमें कम मामले और कम मौत दर्ज हुईं. भगवान ने मनुष्यों के बीच भेदभाव नहीं किया. हमने अपने बीच एक दीवार क्यों बनाई है.

सीएम अरविंद केजरीवाल (Photo Credits: IANS)

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को कहा कि कोरोनोवायरस (Corona Virus) लॉकडाउन के आठवें सप्ताह में दिल्ली की स्थिति और हफ्तों की तुलना में बेहतर रही है, जिसमें कम मामले और कम मौत दर्ज हुईं. मुख्यमंत्री ने कहा, "दिल्ली में पहले के हफ्तों से पिछला हफ्ता बेहतर रहा. दिल्ली (Delhi) में कोरोनावायरस पॉजिटिव मामले के साथ मृत्यु दर में भी कमी देखने को मिल रही है. कई रोगियों को ठीक कर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है."

आंकड़ों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि आठवें सप्ताह (20 अप्रैल से शुरू) में केवल 622 नए मामले सामने आए, जबकि सातवें सप्ताह में 850 दर्ज किए गए थे. उन्होंने कहा, "पिछले हफ्ते में कोरोनावायरस से नौ लोगों की मौत हुई, जबकि इससे पहले सप्ताह में 21 लोगों की मौत हुई थी."

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मुख्यमंत्री ने कहा, सातवें सप्ताह में 260 लोगों को ठीक कर अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई थी, जबकि पिछले सप्ताह यह संख्या दोगुना से भी ज्यादा होकर 580 हो गई." उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य किसी को मरने नहीं देना है. मुझे खुशी है कि लोग अन्य लोगों के जीवन को बचाने के लिए अपने प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आ रहे हैं."

केजरीवाल ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी अच्छे परिणाम दिखा रही है. सरकार ठीक हुए मरीजों से प्लाज्मा दान करने के लिए अपील कर रही है और लोग मदद के लिए आगे भी आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा यह संभव है कि एक मुस्लिम प्लाज्मा एक हिंदू रोगी के जीवन को बचा सकता है या हिंदू का प्लाज्मा मुस्लिम व्यक्ति के जीवन को बचा सकता है. भगवान ने मनुष्यों के बीच भेदभाव नहीं किया. हमने अपने बीच एक दीवार क्यों बनाई है.

कोरोनावायरस सभी को प्रभावित करता है - हिंदू हो या मुसलमान. किसी के मन में किसी दूसरे धर्म के लिए घृणा हो तो वह केवल यह सोचे कि दूसरे धर्म वाले का प्लाज्मा एक दिन उसकी जान बचा सकता है. हम साथ काम करेंगे, तो हमें कोई नहीं हरा सकेगा. लेकिन, अगर हम लड़ते रहेंगे तो फिर कोई उम्मीद नहीं रहेगी.

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