नागरिकता संशोधन बिल 2019: अमित शाह के बयान पर मनीष तिवारी का पलटवार, कहा- ये संविधान के खिलाफ

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर घमासान जारी है. विपक्ष लगातार इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है. इस बिल का विरोध कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल कर रहे हैं. देश के गृहमंत्री अमित शाह ने इस बिल को लेकर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. उन्ही के इस बयान पर अब कांग्रेस की तरफ से पलटवार किया गया है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस बिल को लेकर संसद में चर्चा के दौरान कहा कि नागरिकता संशोधन बिल संविधान के खिलाफ है.

गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Photo Credits-PTI)

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन बिल 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) को लेकर घमासान जारी है. विपक्ष लगातार इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है. इस बिल का विरोध कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल कर रहे हैं. देश के गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने इस बिल को लेकर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस (Congress) पर जमकर हमला बोला है. उन्ही के इस बयान पर अब कांग्रेस की तरफ से पलटवार किया गया है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Congress MP Manish Tewari) ने इस बिल को लेकर संसद में चर्चा के दौरान कहा कि नागरिकता संशोधन बिल संविधान के खिलाफ है. गौर हो कि अमित शाह ने चर्चा के दौरान कहा कि अगर भारत को आजादी मिलने के बाद कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन नहीं किया होता तो नागरिकता संशोधन बिल 2019 लाने की आवश्यकता नहीं पड़ती.

मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने कहा कि ये विधेयक मूलभूत आधार का उल्लंघन करता है. ये विधेयक भारत के संविधान के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी शरणार्थी हमसे शरण मांगता है तो ये हमारा कर्तव्य बनता है कि बिना उसका मजहब देखे, उसको शरण दें. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय संधियां भी हैं जो ये कहती हैं कि कोई भी शरणार्थी अगर आपके यहां शरण मांगे तो आप इनकार नहीं कर सकते. इसके साथ ही ये भी न देखा जाएगा कि उनका धर्म क्या है. यह भी पढ़े-नागरिकता संशोधन बिल पर लोकसभा में घमासान, अमित शाह बोले ‘ये अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं, हर सवाल का देंगे जवाब’

ज्ञात हो कि इससे पहले अमित शाह ने कांग्रेस पर भारत को धर्म के आधार पर विभाजित करने का आरोप लगाया और कहा कि उस समय उठाए गए इस कदम की वजह से अब सरकार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 लाना पड़ा है. गृहमंत्री ने नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए पेश किए गए विधेयक पर हो रही चर्चा के दौरान यह बयान दिया.

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