पटना, 12 जनवरी: ‘रामचरितमानस’ को लेकर की गई टिप्पणी से उपजे विवाद के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस मामले में अपने कैबिनेट सहयोगी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर से बात करेंगे. VIDEO: बक्सर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के काफिले पर पथराव, उग्र हुए प्रदर्शनकारी
चंद्रशेखर की तुलसीदास रचित महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ के बारे में की गई हालिया टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया है. राज्यव्यापी जनसंपर्क कार्यक्रम ‘‘समाधान यात्रा’’ के तहत दरभंगा जिले के दौरे के दौरान जदयू के शीर्ष नेता नीतीश ने मंत्री की टिप्पणी से जुड़े पत्रकारों के सवालों पर कहा, ‘‘मुझे पता नहीं. हम उनसे पूछ लेंगे.’’
चंद्रशेखर ने बुधवार को नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में ‘रामचरितमानस’ पर टिप्पणी की थी. बाद में पत्रकारों द्वारा चंद्रशेखर से उनके बयान के बारे में पूछे जाने पर वह अपनी बात पर अड़े रहे और कहा, ‘‘मनु स्मृति, रामचरितमानस और ‘बंच ऑफ थॉट्स’ (आरएसएस विचारक एम.एस. गोलवलकर द्वारा लिखित) ने समाज में नफरत को बढ़ावा दिया है. यही कारण है कि इन (कार्यों) को दलितों और ओबीसी से विरोध का सामना करना पड़ रहा है.’’
मंत्री ने कहा कि वह रामचरितमानस से सामाजिक भेदभाव की निंदा करने वाले सभी छंदों को निकालने की मांग करेंगे. भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने राजद नेता पर ‘‘मुसलमानों के तुष्टिकरण को ध्यान में रखते हुए’’ हिंदू भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया.
भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने राजद नेता को चुनौती दी कि अगर ‘‘वह मर्द हैं तो इस्लाम के बारे में मुखर होकर दिखाएं.’’
भाजपा के सहयोगी चिराग पासवान ने चंद्रशेखर के बयान को ‘‘भडकाऊ’’ करार देते हुए इसे नीतीश कुमार की ‘‘विभाजनकारी रणनीति’’ होने का आरोप लगाया.
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