युवा उत्सव में दिखा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ी अंदाज
स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में शुरू हुए तीन दिवसीय राज्यस्तरीय उत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूरी तरह छत्तीसगढ़ी रंग में नजर आए. वह गेढ़ी चढे (लकड़ी पर चलना) तो कंचे (कांच की गोली) सहित अन्य छत्तीसगढ़ी खेल खेले और राज्यपाल अनुसुईया उइके को भी उसमें शामिल किया.
स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में शुरू हुए तीन दिवसीय राज्यस्तरीय उत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूरी तरह छत्तीसगढ़ी रंग में नजर आए. वह गेढ़ी चढे (लकड़ी पर चलना) तो कंचे (कांच की गोली) सहित अन्य छत्तीसगढ़ी खेल खेले और राज्यपाल अनुसुईया उइके को भी उसमें शामिल किया. उत्सव के उद्घाटन मौके पर साइंस कॉलेज मैदान में छत्तीसगढ़ी संस्कृति के रंग बिखरे नजर आए. इस मौके पर राज्यपाल उइके ने कहा, "युवा महोत्सव से छत्तीसगढ़ के विभिन्न ग्रामीण खेलों, लोक नृत्य, ललित कला और शास्त्रीय संगीत पर आधारित प्रतियोगिताओं से ग्रामीण खेल प्रतिभाएं निखर कर बाहर आएंगी और प्रदेश की स्थानीय कला संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा."
उन्होंने कहा, "राज्य सरकार द्वारा राज्योत्सव, आदिवासी नृत्य महोत्सव और इस युवा महोत्सव के माध्यम से खेल एवं संस्कृति को जीवित रखने का सराहनीय प्रयास किया गया." राज्यपाल ने शुभारंभ अवसर पर राज्य के विभिन्न जिलों से आए कलाकारों द्वारा लोक नृत्य पर आधारित मार्च पास्ट की प्रशंसा करते हुए प्रत्येक दल को पांच-पांच हजार रुपये की राशि देने की घोषणा की.
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ और स्वामी विवेकानंद के रिश्तों को याद करते हुए कहा, "स्वामी विवेकानंद का छत्तीसगढ़ के साथ गहरा संबंध रहा है. स्वामी जी ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण दो वर्ष छत्तीसगढ़ में बिताए थे. स्वामी विवेकानंद जी के विचारों, आदशरें, और सिद्घांतों तथा छत्तीसगढ़ से उनके संबंधों को पुनर्जीवित करने का काम स्वामी आत्मानंदजी ने किया. उन्होंने रायपुर में रामकृष्ण परमहंस आश्रम की स्थापना की. नारायणपुर में भी स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण मिशन का संचालन बहुत बेहतर तरीके से किया जा रहा है. रायपुर के कोटा में स्वामी विवेकानंद के नाम से स्कूल का संचालन हो रहा है."
इस मौके पर मुख्यमंत्री बघेल पूरी तरह छत्तीसगढ़ी संस्कृति में रंग गए. वे गेढ़ी तो चढे ही, उन्होंने कांच की गोली यानी कंचे का खेल भी खेला. काफी समय तक मुख्यमंत्री विभिन्न खेलों का हिस्सा बने रहे. गेढ़ी चढ़ना पूरी तरह संतुलन का खेल है, क्योंकि इसमें लकड़ी पर चढ़कर चलना होता है. इस महोत्सव में 7000 से अधिक युवा और कलाकार भाग ले रहे हैं. इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा खेल और बौद्घिक प्रतिस्पर्धा को भी शामिल किया गया है. खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल, अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज और देश के लिए ओलंम्पिक में पदक विजेता विजेन्दर सिंह, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया सहित कई लोग मौजूद रहे.