महुआ मोइत्रा केस के बाद नियम में बदलाव, अब संसदीय वेबसाइट का पासवर्ड शेयर नहीं कर पाएंगे सांसद

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़े कैश फॉर क्वेरी केस पर खुब हंगामा हुआ, जिसके बाद अब लोकसभा सचिवालय ने नियमों में बदलाव कर दिया है.

Mahua Moitra (Photo : X)

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़े कैश फॉर क्वेरी केस पर खुब हंगामा हुआ, जिसके बाद अब लोकसभा सचिवालय ने नियमों में बदलाव कर दिया है. सांसद अपने व्यक्तिगत लॉग-इन का उपयोग कर सकेंगे. अब कोई भी निजी कर्मचारी या कोई तीसरा पक्ष डिजिटल संसद वेबसाइट तक नहीं पहुंच सकेगा. न ही कोई नोटिस नहीं दे सकेगा. न ही प्रश्न प्रस्तुत कर सकता है. सांसद जैसे ही संसदीय वेबसाइट पर लॉग-इन करेंगे, वैसे ही सांसदों के फोन पर एक OTP आएगा, जो उन्हें लॉग-इन करने में मदद करेगा.

सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ एथिक्स कमेटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट को समिति ने अडॉप्ट कर लिया था. समिति की बैठक में प्रस्ताव के पक्ष में 6 वोट पड़े थे, वहीं विपक्ष में 4 वोट पड़े. कमेटी ने महुआ मोइत्रा की सांसदी छीनने का प्रस्ताव रखा था. ये भी पढ़ें- आप हममें से चार लोगों को गिरफ्तार कर लीजिए और मैं आपके आठ लोगों को गिरफ्तार करवा दूंगी: CM ममता बनर्जी

 

TMC नेता महुआ मोइत्रा पर ये हैं आरोप

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सांसद महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि महुआ ने व्यापारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में अडानी ग्रुप और पीएम मोदी पर लगातार निशाना साधा था. इसके बदले व्यापारी से उनको गिफ्ट्स मिले थे. महुआ पर आरोप है कि उन्होंने अपनी संसदीय आईडी का लॉगइन पासवर्ड व्यापारी के साथ शेयर किया था, जिससे व्यापारी खुद महुआ की तरफ से उनकी आईडी का इस्तेमाल कर संसद में सवाल पूछ रहे थे.

इस मामले की शिकायत लोकसभा स्पीकर से की गई. इसकी जांच एथिक्स कमेटी ने की. इस बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि अब इस मामले की जांच लोकपाल ने सीबीआई को सौंप दी है. हालांकि, लोकपाल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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