नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को 1984 के एक दंगा मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि इसका इसी तरह के एक अन्य मामले की सुनवाई पर असर पड़ेगा, जिसमें कुमार एक आरोपी हैं.
न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने सीबीआई से दूसरे मामले की वस्तुस्थिति पेश करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को करने का आदेश दिया है.
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शुरुआत में लग रहा था कि सज्जन कुमार को सर्वोच्च अदालत से जमानत मिल जाएगी. न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, "हम उनकी नुकसान करने की क्षमताओं को कम नहीं आंक रहे हैं, लेकिन उन्हें ऐसी स्थिति में रखा जा सकता है, जहां वह नुकसान न कर सकें."
इसके बाद उन्होंने सज्जन कुमार को तमिलनाडु जेल में स्थानांतरित करने का संकेत दिया. सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार को निचली अदालत ने दोषमुक्त कर दिया था, लेकिन उच्च न्यायालय ने उन्हें दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.