कोलकाता. नागरिकता कानून 2019 को लेकर देश में घमासान जारी है. अलग-अलग हिस्सों से विरोध प्रदर्शन की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. बावजूद इसके केंद्र की मोदी सरकार ने इसे लागू कर दिया है. सीएए (Citizenship Amendment Act) और एनआरसी (National Register of Citizens) का विरोध शुरू से ही पश्चिम बंगाल करता आ रहा है. ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने तो यहां तक कह दिया है कि जब तक मैं जिंदा हूं बंगाल में नागरिकता कानून को लागू नहीं करने दूंगी. इसी कड़ी में केरल (Kerala) और पंजाब (Punjab) के बाद अब पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Govt) सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने की तैयारी में है.
टीएमसी चीफ ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जल्द ही प्रस्ताव पारित करेगी. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एनपीआर की कवायद को ‘‘खतरनाक खेल’’ करार देते हुए कहा कि माता-पिता के जन्मस्थान का विवरण और निवास का सबूत मांगने वाला फॉर्म कुछ और नहीं, बल्कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के क्रियान्वयन का पूर्व संकेत है. यह भी पढ़े-CAA Protest: जामिया में बोले नजीब जंग- नागरिकता कानून में सुधार की जरूरत, साथ ही मुसलमानों को भी जोड़ा जाए
पश्चिम बंगाल की सीएम ने आगे कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी शासित पूर्वोत्तर-त्रिपुरा, असम, मणिपुर और अरुणाचल तथा विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों, सरकारों से अपील करना चाहती हूं कि वे किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले कानून को ठीक तरह से पढ़ें और एनपीआर फॉर्म के विवरण खंडों का अच्छे से संज्ञान लें.
वही दूसरी तरफ राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है. कांग्रेस की सरकार ने 24 जनवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव लाने का फैसला किया है. बताना चाहते है कि कांग्रेस-टीएमसी सहित अन्य विपक्षी दल लगातार नागरिकता कानून का विरोध कर रही हैं. इसी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी 28 जनवरी को राजधानी जयपुर में इसके खिलाफ रैली करेंगे.