नागरिकता कानून: PM नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से की अपील, कहा- शांति बनाए रखें, CAA किसी के खिलाफ नहीं
पीएम मोदी (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली:- नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Act) के विरोध में जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia University) में रविवार को प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद मामला तूल पकड़ चूका है. देशभर के कई कॉलेज इस आंदोलन के समर्थन में उतरने लगे हैं. इसी बीच पीएम मोदी ने ट्वीट लिखा, उग्र प्रदर्शन की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. लोकतंत्र का हिस्सा है चर्चा और विरोध, पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों से शांति की अपील की है. उन्होंने लिखा, मैं भरोसा दिलाना चाहता हूं CAA से किसी भी नागरिक को चिंता करने की जरूरत नहीं है. ये सिर्फ उनके लिए है जो लंबे समय से जुल्म झेल रहे हैं और भारत के आलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने आगे लिखा नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जो हिंसक प्रदर्शन हो रहा है वह गलत है. हम सभी देश के विकास और प्रत्येक विशेषकर गरीब और दलित सशक्तिकरण के लिए एकजुट काम करें.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट लोगों से अपील करते हुए कहा है कि मौजूदा समय देश में भाईचारा, एकता और शांति बनाए रखने का है. इसके साथ उन्होंने अफवाहों और झूठ से बचने के लिए लोगों से अपील की है. नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों को विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर से समर्थन मिला है. नजमा अख्तर ने पुलिस द्वारा विश्वविद्यालय में प्रवेश किए जाने और तोड़फोड़ व लाठीचार्ज के इस पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. कुलपति ने इसके साथ ही विद्यार्थियों से कहा, अफवाहों पर ध्यान न दें, हमारे पास तथ्य हैं. जामिया इसका समर्थन नहीं करता है, यह असहनीय है.

पीएम मोदी का पहला ट्वीट

पीएम मोदी का दूसरा ट्वीट

पीएम मोदी का तीसरा ट्वीट

पीएम मोदी का चोथा ट्वीट

बता दें कि मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि पहले शांति सुनिश्चित होनी चाहिए और उसके बाद ही नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के खिलाफ दक्षिणी दिल्ली के जामिया क्षेत्र में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की कथित बर्बरता मामले पर सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने कहा, पहले हम वहां शांति चाहते हैं और अगर आप सड़क पर उतरना चाहते हैं तो फिर उस परिदृश्य में हमारे पास न आएं. जामिया में छात्रों के खिलाफ पुलिस की हिंसा का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह और कॉलिन गोंसाल्वेस ने अदालत के सामने मामले को रखा.