बीएसपी सुप्रीमो मायावती बैन हटते ही चुनाव आयोग पर बरसीं , पूछा- योगी पर इतनी मेहरबानी क्यों?
मायावती ने सहारनपुर की रैली में मुसलमानों से सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के पक्ष में एक समेकित तरीके से मतदान करने के लिए कहा था तो योगी ने मेरठ में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की नीयत से 'अली और बजरंगबली' वाला बयान दिया था.
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान यूपी में चुनाव प्रचार के लिए अस्थाई रूप से प्रतिबंधित किए जाने के 48 घंटे के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर सीएम योगी आदित्यनाथ पर हमला किया. मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि, चुनाव आयोग की पाबंदी का खुला उल्लंघन करके यूपी के सीएम योगी शहर- शहर व मन्दिरों में जाकर एवं दलित के घर बाहर का खाना खाने आदि का ड्रामा करके तथा उसको मीडिया में प्रचारित/प्रसारित करवाके चुनावी लाभ लेने का गलत प्रयास लगातार कर रहे हैं किन्तु आयोग उनके प्रति मेहरबान है, क्यों?.
मायावती ने पूछा, अगर ऐसा ही भेदभाव व बीजेपी नेताओं के प्रति चुनाव आयोग की अनदेखी व गलत मेहरबानी जारी रहेगी तो फिर इस चुनाव का स्वतंत्र व निष्पक्ष होना असंभव है. इन मामलों मे जनता की बेचैनी का समाधान कैसे होगा? बीजेपी नेतृत्व आज भी वैसी ही मनमानी करने पर तुला है जैसा वह अबतक करता आया है, क्यों?
पीएम मोदी पर हमला करते हुए मायावती ने लिखा कि, आज दूसरे चरण का मतदान है और बीजेपी व पीएम श्री मोदी उसी प्रकार से नरवस व घबराए लगते हैं जैसे पिछले लोकसभा चुनाव में हार के डर से कांग्रेस व्यथित व व्याकुल थी. इसकी असली वजह सर्वसमाज के गरीबों, मजदूरों, किसानों के साथ-साथ इनकी दलित, पिछड़ा व मुस्लिम विरोधी संकीर्ण सोच व कर्म है.
गौरतलब हो कि निर्वाचन आयोग ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर क्रमश: 48 और 72 घंटों तक लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का प्रचार करने पर रोक लगा दिया था. दोनों पर कार्रवाई आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने पर की गई थी.
मायावती ने सहारनपुर की रैली में मुसलमानों से सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के पक्ष में एक समेकित तरीके से मतदान करने के लिए कहा था तो योगी ने मेरठ में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की नीयत से 'अली और बजरंगबली' वाला बयान दिया था. उन्होंने गाजियाबाद की रैली में भारतीय सेना को 'मोदी की सेना' कहा था. इस पर भी आयोग से शिकायत की गई थी.