बीजेपी 14 जनवरी से पहले चाहती है संगठनात्मक चुनाव
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को राज्यों को जल्द से जल्द संगठनात्मक चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि जहां पार्टी के चुनाव नहीं हुए हैं, उन सभी राज्यों में पार्टी प्रमुख चेहरे को प्रोजेक्ट करने में असमर्थ है. भाजपा का उद्देश्य 14 जनवरी तक संगठनात्मक चुनाव खत्म करना है, ताकि उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सके.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को राज्यों को जल्द से जल्द संगठनात्मक चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि जहां पार्टी के चुनाव नहीं हुए हैं, उन सभी राज्यों में पार्टी प्रमुख चेहरे को प्रोजेक्ट करने में असमर्थ है. भाजपा का उद्देश्य 14 जनवरी तक संगठनात्मक चुनाव खत्म करना है, ताकि उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सके. इन संगठनात्मक चुनाव से ही नए राज्य अध्यक्ष तय होंगे. झारखंड, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना, असम, मणिपुर और त्रिपुरा जैसे राज्यों में संगठनात्मक मतदान नहीं होगा.
उत्तराखंड में राज्य इकाई के अध्यक्ष के लिए नेतागण एकमत नहीं है. इसलिए राष्ट्रीय नेतृत्व को मोर्चा संभालना पड़ा है. दिल्ली से एक टीम देहरादून पहुंच गई है, जो राज्य में शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेगी. इसके लिए भाजपा के उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे और सचिव आर.पी. सिंह ने जिम्मेदारी संभाली है. नए नागरिकता अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ देशव्यापी विरोध के बाद भगवा पार्टी सर्वसम्मति से चुनाव के साथ-साथ सांप्रदायिक सद्भाव चाहती है.
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सहस्रबुद्धे और सिंह दोनों रविवार तक सभी संबंधित नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, और फिर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपेंगे. शिवराज सिंह चौहान और अर्जुन राम मेघवाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चुनावों की निगरानी करेंगे. वह 23-24 दिसंबर को देहरादून जाएंगे और बाद में क्रिसमस पर नामों की घोषणा करेंगे.