भोपाल: मध्यप्रदेश में इसी माह होने वाले विधानसभा चुनाव की भाजपा बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता तक जीत की रणनीति बना रही है. इसी के तहत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सोमवार को कार्यकर्ताओं से कहा कि पिछले पांच सालों से कांग्रेस देश की राजनीति को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास कर रही है. चुनाव विकास, गरीबी, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर होना चाहिए, लेकिन कांग्रेस विकास के इस एजेंडे से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है. शाह ने कहा, "भाजपा के लिए चुनाव सिर्फ सरकार बनाने का जरिया नहीं होता, बल्कि यह अपनी विचारधारा को जनता तक ले जाने का सशक्त माध्यम भी होता है.
हम इसके जरिए सरकारों के काम भी जनता तक पहुंचाते हैं. भाजपा और अन्य पाíटयों के चुनाव लड़ने के तरीकों में मूल अंतर यह है कि हमारा चुनाव कार्यकर्ता केंद्रित होता है, बूथ केंद्रित होता है. हमारे लिए चुनाव जीतने की मशीनरी की रीढ़ होते हैं बूथ के कार्यकर्ता. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, "प्रदेश में पिछले 15 सालों से हमारी सरकार है और इस अवधि में शिवराज सिह की सरकार ने जो काम किया है, यह भी पढ़े: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: अमित शाह आज से दो दिवसीय दौरे पर
वह इस बात का उत्कृष्ट उदाहरण है कि लोकतांत्रिक सरकारों को किस तरह से काम करना चाहिए। मध्यप्रदेश एक बीमारू राज्य था, जिसे हमारी सरकार ने विकसित राज्यों की कतार में खड़ा कर दिया है, जो एक बड़ा परिवर्तन है. लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं। हमें मध्यप्रदेश को एक विकसित राज्य से समृद्ध राज्य बनाना है.शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश का पार्टी संगठन सबसे अच्छा है। इसे स्व़ कुशाभाऊ ठाकरे की संगठन क्षमता, विजयाराजे सिधिया के त्याग और स्व़ सुंदरलाल पटवा की प्रशासनिक क्षमताओं ने मजबूती प्रदान की है। आने वाला चुनाव इस संगठन की परीक्षा है और कार्यकर्ता इसे इसी रूप में लड़ें.यह भी पढ़े: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018: भोपाल में आज होगा बीजेपी ‘कार्यकर्ता महाकुंभ’, पीएम मोदी और अमित शाह फूकेंगे चुनावी बिगुल
प्रदेश के हर मतदाता तक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के संदेश, सरकारों के काम और पार्टी की विचारधारा को पहुंचाएं. उन्होंने कहा, "चुनाव के आकलन का हमारा तरीका अलग है. हम इस आधार पर चुनाव परिणामों का आकलन करते हैं कि हमने कितने बूथ जीते हैं. कार्यकर्ता प्रदेश के सभी 65000 बूथों पर जीत का संकल्प लें. इसके लिए जनसंपर्क सबसे सशक्त माध्यम है.कार्यकर्ता हर घर में पहुंचें, हितग्राहियों और आम नागरिकों से मिलें. हम कितना संपर्क कर पाते हैं, यही संगठन की कसौटी है."