बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का अर्थीक स्पथिति पर बयान, कहा- अगर मंदी होती तो यहां कोट और जैकेट में नहीं आते लोग
उन्होंने कहा, ‘‘महानगरों में पैसा जमा नहीं होता. आप बैंक रिपोर्ट देख लीजिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मंदी उनके लिए है जिनके लिए सरकार ने कानून बना दिया है कि परिश्रम से पैसा संचय करने वालों का पैसा महानगरों को लूटने नहीं दिया जाएगा और बैंक का पैसा लूटोगे तो कानून तुम्हारे खिलाफ काम करेगा. उन्हीं के लिए आज मंदी का संकट दिख रहा है.’’
बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने एक कार्यक्रम में कहा कि यदि मंदी होती तो लोग यहां कोट और जैकेट के बजाए कुर्ता और धोती पहनकर आते. बलिया से सांसद सिंह ने रविवार को शिक्षकों के एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत सिर्फ महानगरों का नहीं, बल्कि गांवों का देश है. उन्होंने कहा कि यह केवल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े महानगरों का नहीं, बल्कि 6.5 लाख गांवों का देश है. सांसद ने कहा कि इस समय मंदी को लेकर बहस चल रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘यदि मंदी होती तो हम सब लोग खाली कुर्ता, धोती पहनकर आए होते, मंदी होती तो चादर नहीं होती ,जैकेट नहीं होती, कोट नहीं होता.’’ मस्त ने कहा कि बैंकिंग रिपोर्ट बताती है कि बैंकों में सबसे ज्यादा पैसा गांव में रहने वाले, अनाज बेचने वाले, फल बेचने वाले, सब्जी बेचने वाले, ठेला लगाने वाले और रेहड़ी लगाने वाले जमा कराते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘महानगरों में पैसा जमा नहीं होता. आप बैंक रिपोर्ट देख लीजिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मंदी उनके लिए है जिनके लिए सरकार ने कानून बना दिया है कि परिश्रम से पैसा संचय करने वालों का पैसा महानगरों को लूटने नहीं दिया जाएगा और बैंक का पैसा लूटोगे तो कानून तुम्हारे खिलाफ काम करेगा. उन्हीं के लिए आज मंदी का संकट दिख रहा है.’’
बीजेपी सांसद ने सवाल किया कि मंदी का संकट होता तो त्योहारों में, शादियों में, बारातों में किया जाने वाला खर्च कम क्यों नहीं हो रहा?