बीजेपी सांसद की विवादित टिप्पणी, ईसाई है 'अंग्रेज, कहा- 'नहीं लड़ी आजादी की लड़ाई'
बीजेपी सांसद की विवादित टिप्पणी, ईसाइयों है 'अंग्रेज (Photo Credit-ANI)

मुंबई: अक्सर विवादित बयान देकर बीजेपी की मुश्किलें खड़ी करनेवाले बीजेपी सांसद गोपाल शेट्टी ने फिर एक विवादित बयान दिया है. सांसद के इस बयान की खूब आलोचना हो रही है. बता दें कि मुंबई (नॉर्थ) से सांसद और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल शेट्टी ने मलाड में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान आजादी से पहले के ईसाइयों को 'अंग्रेजी' बता डाला. शेट्टी यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में ईसाइयों ने हिस्सा नहीं लिया था. ज्ञात हो कि मलाड के मालवणी में शिया कब्रिस्तान समिति ने ईद-ए-मिलाद पर कार्यक्रम आयोजित किया था. वहां शेट्टी ने कहा, 'ईसाई ब्रिटिश थे, इसलिए उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया.

बीजेपी सांसद के इस बयान से बवाल मच गया है तो पार्टी ने इस बयान से किनारा कर दिया। पुरे मामले में प्रतिक्रिया देते हुए मुंबई अध्यक्ष और बांद्रा (वेस्ट) से विधायक आशीष शेलर ने कहा कि शेट्टी से उनका बयान वापस लेने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, 'बीजेपी ऐसे बयान का समर्थन नहीं करती और न ही यह बीजेपी का आधिकारिक पक्ष है। हम ईसाई समुदाय का पूरा समर्थन करते हैं.'

मामले को तूल पकड़ता देख शेट्टी ने अपने बयान से किनारा कर दिया। शेट्टी ने कहा कि 'यह गलतफहमी का नतीजा है और जो मैंने कहा उसका गलत मतलब निकाला गया। मेरे लिया भारत और भारतीय पहले आते हैं.

दूसरी तरफ मलाड के रहनेवाले जेराड लोबो और मैविस फर्नांडिस ने शेट्टी के खिलाफ शिकायत की है. उनका कहना है कि समुदायों के बीच नफरत फैलाने का केस आईपीसी की धारा 153(ए) के तहत और शांति भंग करने के लिए धारा 504 के तहत शेट्टी के खिलाफ दर्ज होना चाहिए.

गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब गोपाल शेट्टी ने विवादित बयान दिया हो. इससे पहले शेट्टी ने एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए किसानों की आत्महत्या को जिंदगी खत्म करने का फैशन और चलन करार दिया है. साथ ही नोटबंदी के दौरान बैंकों की कतारों में लगे लोगों में से कुछ की मौतों पर उन्होंने कहा था, 'हर साल रेल पटरियों पर 3,500 यात्रियों की मौत हो जाती है, पांच लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मर जाते हैं और इससे कहीं अधिक लोगों की आतंकवादी घटनाओं और अन्य घटनाओं में मौत हो जाती है, लेकिन कोई उनके बारे में बात नहीं करता। कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है.