चीन की सत्ताधारी पार्टी CPC के मुकाबले दोगुने हैं बीजेपी के सदस्य, 18 करोड़ सदस्यों को जोड़कर बनाया नया रिकॉर्ड
चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना बुधवार को 99 साल की हो गई. एक जुलाई को हर बार की तरह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी स्थापना दिवस मनाने में जुटी है. दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने के रेस में भारत की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी बहुत पहले ही सीपीसी को पीछे छोड़ चुकी है. वहीं 2019 में आंकड़ा बढ़कर 18 करोड़ तक पहुंच गया.
नई दिल्ली, 3 जुलाई : चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) बुधवार को 99 साल की हो गई. एक जुलाई को हर बार की तरह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी स्थापना दिवस मनाने में जुटी है. दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने के रेस में भारत की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) बहुत पहले ही सीपीसी को पीछे छोड़ चुकी है. चीन की सत्ताधारी पार्टी के मुकाबले भाजपा के पास दोगुने सदस्य हैं. सदस्यता संख्या की बात करें तो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने 2019 के अंत तक 9 करोड़ 19 लाख 14 हजार सदस्य बनाए थे.
सीपीसी के 90 मिलियन के जवाब में इसी अवधि में भारतीय जनता पार्टी ने 180 मिलियन यानी 18 करोड़ सदस्यों को जोड़कर नया रिकॉर्ड खड़ा किया. इससे पहले 2015 में भारतीय जनता पार्टी ने 11 करोड़ सदस्यों को जोड़कर दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का ताज अपने नाम किया था.
2019 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने 2.34 मिलियन नए सदस्य जोड़े. खास बात है कि नए सदस्यों के तौर पर पार्टी ने युवाओं को जोड़ने में रुचि दिखाई. नए सदस्यों में 34.6 प्रतिशत डिग्री कॉलेज स्तर के छात्र रहे तो 80 प्रतिशत की उम्र 35 साल से कम की है.
दोनों देशों के सत्ताधारी दलों की बात करें तो कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना 99 साल पुरानी हो गई है तो भारतीय जनता पार्टी 41 साल की. भाजपा की स्थापना छह अप्रैल 1980 को हुई थी. जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की स्थापना एक जुलाई 1921 को हुई थी. हालांकि, 2014 में सत्ता में आने के बाद से भाजपा ने बहुत आक्रामक तरीके से सदस्यता अभियान पर फोकस किया. जिससे कारण जहां 2015 में 11 करोड़ सदस्य पार्टी ने बनाए, वहीं 2019 में आंकड़ा बढ़कर 18 करोड़ तक पहुंच गया.