Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच क्या उद्धव सरकार बचेगी? वेट एंड वॉच मोड में बीजेपी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को अपने ही विधायकों से बगावत का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में उनकी सरकार की स्थिरता पर गंभीर सवालिया निशान खड़ा हो गया है

बीजेपी (Photo Credits PTI

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को अपने ही विधायकों से बगावत का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में उनकी सरकार की स्थिरता पर गंभीर सवालिया निशान खड़ा हो गया है. शिवसेना के कद्दावर नेता और कभी बालासाहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे के करीबी रहे एकनाथ शिंदे की बगावत ने राज्य में गठबंधन सरकार के भाग्य पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है, लेकिन इस संकट के लिए शिवसेना नेता जिस भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वह अब भी वेट एंड वॉच मोड में है.

बीजेपी नेता महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर करीब से नजर रखे हुए हैं। एकनाथ शिंदे के साथ विधायकों की संख्या और उनकी भविष्य की रणनीति के साथ-साथ भाजपा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का रुख जानने का भी इंतजार कर रही है. हालांकि राज्यपाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, क्योंकि वह कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं. यह भी पढ़े: Maharashtra Political Crisis: सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे का इमोशनल कार्ड, कहा- शिवसेना से गद्दारी नहीं, सीएम पद छोड़ने को तैयार

बीजेपी का कहना है कि यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "सत्ता के लिए शिवसेना ने हिंदुत्व का रास्ता छोड़कर कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन में सरकार बनाई, जनादेश का अपमान किया और हमें (भाजपा) धोखा दिया। इस अनैतिक और असामान्य गठबंधन को तोड़ना पड़ा। उद्धव ठाकरे की ये नाकामी है कि वो अपनी पार्टी को संभाल भी नहीं पाए.

कभी अजित पवार कांड में हाथापाई करने वाली बीजेपी अब जल्दबाजी के मूड में नहीं है, इसलिए पूरे खींचतान की कमान अभी शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे के हाथ में है. शिंदे, शिवसेना के अन्य बागी विधायकों के साथ, अब एक अन्य भाजपा शासित राज्य असम में हैं। वे बुधवार सुबह सूरत से गुवाहाटी पहुंचे. शिंदे ने दावा किया है कि पार्टी के 55 में से 40 विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने सात निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा किया है.

मंगलवार को उद्धव ठाकरे से फोन पर हुई बातचीत के दौरान शिंदे ने पार्टी में वापस लौटने के लिए कई शर्तें रखीं। इसका जवाब उन्हें अब तक नहीं मिला है। तब तक बीजेपी परदे के पीछे से पूरे घटनाक्रम पर पैनी नजर रखे हुए है.

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