पटना. नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर देश में विरोध शुरू है. इसी बीच बिहार की नीतीश सरकार मंगलवार को साफ कर दिया कि सूबे में एनआरसी लागू किया जाएगा. इसके साथ ही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को भी वर्ष 2010 के पुराने प्रारूप के तहत लागू किया जाएगा. इसे लेकर मंगलवार को विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित हुआ है. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बिहार विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र को एनपीआर के फॉर्म में विवादित खंड को हटाने का निवेदन किया है. उल्लेखनीय है कि बिहार में भाजपा के समर्थन वाली जदयू सरकार है. इस फैसले पर बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी (BJP MLA Mithilesh Tiwari) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक सुझाव था, सीएम ने पहले ही एक पत्र में केंद्र सरकार को बता दिया था. विधानसभा ने आज सर्वसम्मति से इस पर मुहर लगा दी.
मिथिलेश तिवारी ने कहा कि यह केंद्र की मोदी सरकार पर निर्भर है कि उसे सुझाव स्वीकार करना है या नहीं. उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव नहीं था क्योंकि राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकती. यह सिर्फ एक राय है. यह भी पढ़े-बिहार में नहीं लागू होगा NRC, विधानसभा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ प्रस्ताव पारित
ANI का ट्वीट-
Bihar BJP MLA Mithilesh Tiwari on state assembly's resolution on NRC & NPR: It was not a resolution against the central government as the state government can not do so. It was just a suggestion. (20.02.20) https://t.co/KC58WIXJBa
— ANI (@ANI) February 26, 2020
वही बिहार विधानसभा में एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने पर मंगलवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने कहा कि हम तो कहते हैं कि आज संविधान की जीत हुई है, जनता की जीत हुई है, अमन-चैन की जीत हुई है.