पटना, 24 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव में शुक्रवार को देश की राजनीति के दो दिग्गजों के चुनावी समर में उतरने के बाद जहां पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हुआ है, वहीं इन नेताओं की रैली को लेकर लोगों में भी उत्साह देखा गया. प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) की गया रैली में गई रंग देखने को मिले. गया में प्रधानमंत्री की चुनावी रैली को लेकर लोगों में गजब का उत्साह देखा गया. सभी लोग प्रधानमंत्री का संबोधन सुनना चाहते थे. लोग बैंड पार्टी के साथ भी रैली में शामिल होने पहुंचे थे.
भाजपा (BJP) और प्रधानमंत्री का एक समर्थक अपने शरीर को लाल रंग से रंगकर, हाथ में गदा और सिर पर कमल फूल की आकृति लेकर रैली स्थल पहुंचा, जो आकर्षण का केंद्र बना रहा. कोरोना काल में हो रहे इस चुनाव में प्रधानमंत्री की रैली में मंच के सामने दूर-दूर करीब 10 हजार कुर्सियां लगाई गई थी. इधर, प्रधानमंत्री की राज्य के सासाराम (Sasaram), गया (Gaya) और भागलपुर में हुई रैली के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है. इस दौरान जो लेाग प्रधानमंत्री की रैली में उपस्थित नहीं हो सके, वे अपने मोबाइल फोन और एलईडी स्क्रीन पर ही प्रधनमंत्री का संबोधन सुना.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल भी कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार आगमन से राजग कार्यकर्ता का हौसला बुलंदियों पर है. वे एकजुटता के साथ राजग के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करवाने में जुटे हैं. उन्होंने कहा, "बिहार के प्रति प्रधानमंत्री जी का विशेष लगाव रहा है और वे चाहते हैं कि बिहार निरंतर प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ता रहे. प्रधानमंत्री जी ने सौगात के रूप में बिहार को कई बड़ी योजनाएं दी हैं. इन योजनाओं से बिहार निश्चित रूप से आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ेगा."
इधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शुक्रवार को नवसादा और भागलपुर में चुनावी सभा को संबोधित किया. राहुल गांधी के आने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह दिखा. लोग उनके भाषणों को सुनने पहुंचे. हिसुआ में गांधी के साथ राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी मंच साझा किया. इधर, प्रधानमंत्री के मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमकार सहित राजग के नेता भी उपस्थित रहे.
बहरहाल, दोनों दिग्गज चुनावी समर में उतरकर प्रचार अभियान को तेज कर अपने कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर वापस लौट गए हैं. प्रधानमंत्री के इस चुनाव में 12 चुनावी रैलियों को संबोधित करने कार्यक्रम है. अब देखना है कि मतदाता किनकी बातों पर ज्यादा विश्वास करते हैं.