Bihar: जेडीयू का तंज, कहा- कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन टूटने से कोई लाभ नहीं मिलने वाला!
बिहार में कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन टूटने के बाद जेडीयू और वामदलों ने कहा इससे उन्हे कोई फायदा नहीं होने जा रहा है. दरअसल कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन टूटने के बाद एक तरफ जहां ये कयास लगाए जा रहे हैं कि इसका नुकसान कांग्रेस के साथ-साथ आरजेडी को भी होगा
पटना: बिहार में कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन टूटने के बाद जेडीयू और वामदलों ने कहा इससे उन्हे कोई फायदा नहीं होने जा रहा है. दरअसल कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन टूटने के बाद एक तरफ जहां ये कयास लगाए जा रहे हैं कि इसका नुकसान कांग्रेस के साथ-साथ आरजेडी को भी होगा। लेकिन जेडीयू और लेफ्ट की तरफ से ये कहा जा रहा है इससे उनकी पार्टियों को कहीं भी कोई फायदा नहीं होने जा रहा है. यह भी पढ़े: Bihar: आरजेडी ने JDU को दिया महागठबंधन में शामिल होने का न्योता, कहा- नीतीश कुमार करें विपक्ष का नेतृत्व
गौरतलब है कि बिहार में 30 अक्टूबर को विधानसभा की 2 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव आरजेडी और कांग्रेस ने गठबंधन में ही लड़ा था लेकिन इस बार उपचुनाव में ये गठबंधन टूट गया है। पहले आरजेडी ने उपचुनाव की दोनों सीटों-कुशेश्वरस्थान और तारापुर पर उम्मीदवार उतार दिए। जिसके बाद पिछले मंगलवार को कांग्रेस ने भी आरजेडी के खिलाफ अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए.
उपचुनाव में बिहार की कुशेश्वरस्थान सीट से कांग्रेस ने अतिरेक कुमार और तारापुर विधानसभा सीट से राजेश कुमार को उम्मीदवार बनाया है। जिसके साथ ही ये तय हो गया था कि बिहार में महागठबंधन अब एकजुट होकर नहीं बल्कि आपस में ही मुकाबला करने मैदान में उतर चुका है।
आरजेडी से चुनावी मुकाबले को लेकर आईएएनएस से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा, आरजेडी ने अपना गठबंधन धर्म नहीं निभाया, आरजेडी ने कांग्रेस की सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने ये फैसला किया. वहीं आरजेडी से बातचीत न बन पाने के सवाल पर तारिक अनवर ने कहा, ये जिम्मेदारी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व राज्य के अन्य नेता निभा रहे थे लेकिन शायद बात नहीं बन पाई। अब ये चुनाव तो दोनों पार्टियां अलग-अलग ही लड़ेंगी.
दूसरी ओर जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि बिहार में कांग्रेस -आरजेडी गठबंधन बिल्कुल नहीं चल पाया। दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के साथ आकर देख लिया। कुछ नहीं मिल पाया। अब जब दोनों अलग हो गई हैं, तो इनका कुछ फायदा अन्य दलों को भी नहीं होने जा रहा है खासतौर पर जेडीयू को तो उसका बिल्कुल भी फायदा नहीं होगा.
इस मसले पर सीपीआईएम नेता अतुल अंजान ने कहा कि बिहार विधानसभा में ही दोनों के गठबंधन को जनता ने देखा लिया, कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन वामदलों का रहा। ऐसे में आरजेडी-कांग्रेस के गठबंधन टूटने से हमें कोई लाभ नहीं मिलने जा रहा है. हालांकि इस बात की भी चर्चा है कि कन्हैया कुमार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद नाराज आरजेडी, आगामी उपचुनाव के बाद दोनों दल एक बार फिर साथ आ सकते हैं.
इसके संकेत पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की पहली पुण्यतिथि के मौके पर देखने को मिले थे, जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की मुलाकात हुई.