पटना: कोरोना संकट के बीच राजनीतिक दलों की बिहार विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Elections) को लेकर तैयारियां जारी हैं. सभी प्रमुख सियासी दल चुनाव के मद्देनजर अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं. आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और ग्रैंड अलायंस (GA) के बीच सीधी टक्कर की बात कही जा रही है. वहीं दूसरी ओर सूबे में एनडीए और महागठंधन को टक्कर देने के लिए तीसरे मोर्चे को खड़ा करने की कवायद हो रही है.
तीसरे मोर्चे में आम आदमी पार्टी (AAP) समेत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक अलायंस (UDA) और कुछ अन्य राजनीतिक दल भी बिहार में अपना जोर आजमा रहे हैं. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) की अध्यक्षता वाली यूडीए AAP के साथ मिलकर बिहार विधानसभा चुनावों के लिए तीसरे मोर्चे को लेकर बातचीत कर रही है.
AAP के साथ सिन्हा की निकटता जगजाहिर है. एक साल पहले ही आप ने यशवंत सिन्हा को दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था लेकिन कुछ बातों को लेकर ऐसा नहीं हो सका. यह भी पढ़ें | बिहार चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने जारी किया गाइडलाइन, ऑनलाइन नामांकन, वोटर को दिए जाएंगे दस्ताने.
नरेंद्र मोदी सरकार के लगातार आलोचक रहे सिन्हा इस साल मई में राज्यसभा सांसद संजय सिंह सहित AAP नेताओं के साथ नई दिल्ली के राजघाट पर संयुक्त धरने पर बैठे थे. उन्होंने कोरोना लॉकडाउन में प्रवासियों को घर भेजने के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग की थी. जिसके चलते उन्हें हिरासत में लेकर छोड़ दिया गया था.
बिहार चुनाव में यशवंत सिन्हा NDA के लिए जरुर मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं. सिन्हा ने कहा था, 15 साल बनाम 15 साल की सत्ता को बदलने का नारा देते हुए हमने यूडीए का गठन किया है. यशवंत सिन्हा मोदी सरकार एक कड़े आलोचक हैं. वे मोदी सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाते रहे हैं.