Bihar Assembly Elections 2020: असदुद्दीन ओवैसी ने बिगाड़ा महागठबंधन के सीटों का समीकरण, NDA को हो सकता है फायदा
असदुद्दीन ओवैसी (Photo Credits: Facebook)

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल जोरशोर से जुट गए है. अब तक के राजनीतिक समीकरण को देखे तो बिहार में महागठबंधन (Grand Alliance) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है, जबकि एनडीए का पाला मजबूत होता जा रहा है. कभी महागठबंधन के सहयोगी रहे सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने एनडीए में शामिल होने का ऐलान किया है. वहीं अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बिहार में महागठबंधन के घटक दलों की मुश्किलें बढ़ा दी है.

मिली जानकारी के मुताबिक बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एआइएमआइएम ने मुस्लिम बहुल 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. साथ ही अपनी 40 सीटों की लिस्ट भी जारी कर दी है. इन सभी सीटों पर 25 फीसद से अधिक मुस्लिम आबादी है और कई पर तो 60 फीसदी से अधिक मतदाता मुस्लिम हैं. ऐसे में महागठबंधन का समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है. दरअसल महागठबंधन की चिंता इसलिए बढ़ गई है क्योकि जिन 50 सीटों पर एआइएमआइएम चुनाव लड़ने वाली है उनमें से 30 पर महागठबंधन के घटक दलों का कब्ज़ा है. इसमें से राजद यानि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पास 17 सीटें, कांग्रेस के पास 11 सीटें और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) भाकपा माले के पास 2 सीटें है. Bihar Assembly Elections 2020: तेजस्वी और कांग्रेस के महागठबंधन को बड़ा झटका, मांझी गुरुवार को थामेंगे NDA का दामन

उधर, एनडीए की बात करें तो जदयू यानि जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पास 7 सीटें, बीजेपी के पास 10 सीटें है. जबकि किशनगंज की सीट पर खुद एआइएमआइएम का कब्ज़ा है और इमामगंज सीट मांझी की पार्टी हम के पाले में है. एक सीट पर निर्दलीय विधायक का कब्ज़ा है. एआइएमआइएम जिन 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी उनमें से 15 पर अभी मुस्लिम विधायक काबिज हैं.

उल्लेखनीय है कि 20 अगस्त को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सेक्युलर ने महागठबंधन में समन्वय समिति नहीं बनाए जाने पर महागठबंधन से नाता तोड लिया था. हम के निकल जाने के बाद अब महागठबंधन में चार दल आरजेडी, कांग्रेस, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा और मुकेश सहनी का दल वीआईपी बचे हैं. जबकि बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में वर्तमान में जेडीयू, बीजेपी और दलित नेता केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा शामिल हैं. गौर हो की पिछले विधानसभा चुनाव में मांझी अपनी पार्टी से एक मात्र विधायक बने थे.