पटना: बिहार विधानसभा चुनाव का अब तक का रुझान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पक्ष में दिखाई पड़ रहा है. लेकिन एनडीए का जेडीयू-कांग्रेस-वाम गठबंधन के साथ कांटे का मुकाबला चल रहा है. चुनाव आयोग के अनुसार 122 सीटों पर एनडीए और 113 सीटों पर महागठबंधन आगे है. जबकि राज्य में सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 122 सीटों का है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस का फिर से फ्लॉप परफॉरमेंस देखने को मिला है. बिहार में कांग्रेस 20 सीटों तक सिमटती दिख रही है. यहीं अगर कांग्रेस 30-35 सीटों पर जीत हासिल करती तो बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने की लड़ाई बहुत आसान होती. लेकिन आज कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण बिहार में तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली सरकार का डगर मुश्किलों भरा हो गया है. कांग्रेस के अलावा महागठबंधन के बाकी दलों ने चुनाव में पहले से बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. यही वजह है कि कांग्रेस के मुख्यालय में सन्नटा पसरा हुआ है. सुबह वोटों की गिनती शुरू होने पर कांग्रेस के तमाम प्रवक्ता जीत के दावे कर रह थे. लेकिन शाम होते होते कांग्रेस प्रवक्ता नदारद हो चुके हैं.
बिहार की सत्ता से दूर आरजेडी 65 सीटों पर आगे है, जबकि 10 सीटें जीत चुकी है. जबकि बीजेपी 57 पर बढ़त बनाये हुए है और 15 पर जीत का परचम फहरा चुकी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 34 सीटों पर संघर्ष के लिए संघर्ष कर रही है और 7 पर विजयी हुयी है. बिहार में 5.30 बजे तक 2.7 करोड़ मतों की गिनती की गई : निर्वाचन आयोग
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यह बात स्पष्ट है कि बीजेपी, जो बिहार में अब तक एनडीए में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल-युनाइटेड (जेडीयू) की कनिष्ठ साझेदार (गठबंधन में छोटी सहयोगी पार्टी) बनी हुई थी, वह राज्य में उससे ज्यादा सीट जीत रही है.
एक और दिलचस्प आंकड़ा सामने आ रहा है. महागठबंधन के साथी वामपंथी दलों ने मौजूदा रुझान के साथ अपने रिकॉर्ड को बेहतर बनाया है, जिसमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन) यानी भाकपा-माले 13 सीटें जीतने के करीब है, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (माकपा) को तीन-तीन सीटें मिल सकती हैं.
इसके आलावा, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को पिछली बार की दो सीटों की तुलना में इस बार एक भी सीट मिलता नहीं दिख रहा है. ऐसे में एलजेपी नेता चिराग पासवान का किंगमेकर बनने का सपना अधूरा ही रह जायेगा. बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए मैजिक नंबर 122 है. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है.