कश्मीर के राजनीतिक नेताओं की नजरबंदी को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार को घेरा, महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की
कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद से ही विपक्ष में काबिज कांग्रेस इस मसले पर हमलावर है. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत का लोकतंत्र उस समय क्षतिग्रस्त हो गया जब केंद्र सरकार ने अवैध तरीके से नेताओं को नजरबंद किया. यह सही समय है महबूबा मुफ्ती को जल्द रिहा किया जाए.
नई दिल्ली: पिछले साल जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने कई नेताओं को नजरबंद किया था. हालांकि धीरे-धीरे उन्हें रिहा भी किया गया. लेकिन अब भी केंद्र ने कुछ नेताओं को नजरबंद रखा हुआ है. कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद से ही विपक्ष में काबिज कांग्रेस इस मसले पर हमलावर है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi), सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), गुलाम नबी आजाद सहित कई नेताओं ने समय पर सरकार पर जवाबी हमले किये हैं. इसी बीच एक बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कश्मीर में नेताओं की नजरबंदी को लेकर निशाना साधा है. इसके साथ ही राहुल गांधी ने महबूबा मुफ्ती की रिहाई करने की मांग भी की है.
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत का लोकतंत्र उस समय क्षतिग्रस्त हो गया जब केंद्र सरकार ने अवैध तरीके से नेताओं को नजरबंद किया. यह सही समय है महबूबा मुफ्ती को जल्द रिहा किया जाए.इससे पहले कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी बढाने के फैसले का विरोध किया था. यह भी पढ़ें: Unemployment Rate in India: बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस का केंद्र पर बड़ा हमला, ग्राफ शेयर कर कहा-'भाजपा राज में बेलगाम बेरोजगारी'
देखें ट्वीट-
ज्ञात हो कि चिदंबरम ने ट्वीट कर पूछा था कि 61 वर्ष की पूर्व सीएम सार्वजानिक सुरक्षा के लिए खतरा कैसे हो सकती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि पीएसए के तहत मुफ्ती की नजरबंदी को बढ़ाना कानून का दुरुपयोग है. चिदंबरम ने यह भी कहा था कि 24 घंटे सुरक्षा गार्ड के दायरे में मौजूद व्यक्ति आखिर कैसे सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा कैसे है.