नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने रविवार को लोकसभा के साथ आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव का ऐलान भी कर दिया. सूबे में लोकसभा चुनावों के साथ ही विधानसभा चुनाव होंगे. लोकसभा चुनाव की तरह ही आंध्र प्रदेश में भी चुनावों के नतीजे 23 मई को ही आएंगे. विभाजित आंध्र प्रदेश में 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. तब TDP वहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. 2014 में TDP और बीजेपी के बीच गठबंधन हुआ था मगर चंद्रबाबू नायडू गठबंधन से बहार निकल गए है.
आंध्र प्रदेश में कुल 175 विधानसभा सीटें और 25 लोकसभा सीटें हैं. सूबे के मुख्यमंत्री दुबारा मुख्यमंत्री बनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देंगे. इस बार सूबे की जनता उनके द्वारा 5 साल में किए गए कामों पर उनका आंकलन करेगी.
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2014 के नतीजे:
आंध्र प्रदेश में 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की TDP को सत्ता मिली थी. TDP को 103, YSR कांग्रेस को 66, बीजेपी को 4, नावोदयम पार्टी और अन्य को 1-1 सीट मिली थी. आंध्र के विभाजन के बाद वहां कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो गया था. लोगों के मन में कांग्रेस के खिलाफ गुस्सा था.
मुख्य मुकाबला:
2014 की तरह 2019 में भी मुख्य मुकाबला चंद्रबाबू नायडू की TDP और जगनमोहन रेड्डी की YSR कांग्रेस पार्टी के बीच होगा. अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों नेताओं में से ही सूबे का अगला मुख्यमंत्री होगा. कांग्रेस और बीजेपी चुनावी मैदान में जरुर हैं मगर दोनों पार्टियों का ज्यादा इम्पैक्ट नहीं होगा.