हमास और इस्राएल में संघर्षविराम पर समझौता

इस्राएल की कैबिनेट हमास के साथ संघर्षविराम पर हुए समझौते पर चर्चा के लिए गुरुवार को मिल रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

इस्राएल की कैबिनेट हमास के साथ संघर्षविराम पर हुए समझौते पर चर्चा के लिए गुरुवार को मिल रही है. गजा में समझौता होने पर खुशी मन रही है तो इस्राएली प्रधानमंत्री का दफ्तर समझौता पूरा नहीं होने की बात कह रहा है.रविवार 19 जनवरी से यह समझौता लागू होना है. मध्यस्थों ने बुधवार देर शाम दोनों पक्षों में समझौता होने की बात कही और गजा युद्ध के खत्म होने की उम्मीद जताई है. इस समझौते में इस्राएली बंधकों और फलस्तीनी कैदियों की रिहाई भी शामिल है. इसके बाद व्यापक शांति समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा. कतर इस समझौते में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है. कतर के प्रधानमंत्री ने इस समझौते के बारे में जानकारी दी. यूरोपीय संघ और भारत समेत तमाम देशों ने इस समझौते का स्वागत किया है.

कई महीनों की खींचतान और गजा के इतिहास की सबसे घातक जंग के बाद मध्यस्थों की कोशिश रंग लाई है. एक तरफ कार्यकाल का आखिरी हफ्ता देख रहा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन इसके लिए पुरजोर कोशिश कर रहा था तो दूसरी तरफ निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के मध्य पूर्व दूत भी इस बातचीत में शामिल हुए.

नेतन्याहू की बाइडेन और ट्रंप से बातचीत

इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने जो बाइडेन और ट्रंप दोनों से बुधवार को टेलिफोन पर बात की. प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी है. नेतन्याहू ने समझौते पर पहुंचने के लिए दोनों का आभार जताया साथ ही उन्हें सावधान भी किया कि इसके "अंतिम ब्यौरे" अभी तय किए जा रहे हैं. इस्राएल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग का कहना है कि यह समझौता अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद बंधक बनाए लोगों को वापस लाने के लिए उठाया गया "उचित कदम" है. इस हमले में इस्राएल के 1,210 लोगों की मौत हुई जिनमें ज्यादातर आम लोग थे. इसके बाद इस्राएल के हमलों ने गजा में भारी विध्वंस किया और हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 46,707 लोगों की मौत हुई. इनमें भी ज्यादातर आम लोग ही थे.

तेल अवीव में बंधकों की रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों में समझौते की खबर के बाद खुशी की लहर दौड़ गई. उधर गजा में भी हजारों लोगों ने सड़कों पर निकल कर इसकी खुशी मनाई. गजा सिटी से विस्थापित 45 साल की रांडा समीह ने कहा, "मुझे यकीन नहीं आ रहा है कि साल भर से ज्यादा से चला आ रहा भयानक अनुभव आखिरकार अपने अंत पर आ पहुंचा है. हमने बहुत से लोगों को खोया है, हमारा सब कुछ चला गया."

इस्राएल और हिज्बुल्लाह के बीच संघर्षविराम लागू

हमास का कहना है कि संघर्षविराम, "हमारे महान फलस्तीनी लोगों की दृढ़ता और गजा पट्टी में हमारे पराक्रमी प्रतिरोध का नतीजा है." जिस वक्त हजारों लोग सड़कों पर उतर कर खुशी मना रहे थे उसी वक्त गजा की सिविल डिफेंस एजेंसी ने बताया कि समझौते की घोषणा के तुरंत बाद हुए इस्राएली हमलों में कम से कम 20 लोगों की मौत हुई है.

इस्राएली मीडिया ने खबर दी है कि इस्राएल की कैबिनेट गुरुवार को इस पर अपनी मुहर लगाएगी, हालांकि नेतन्याहू सरकार के दो मंत्रियों ने सार्वजनिक रूप से इस समझौते का विरोध किया है. धुर दक्षिणपंथी वित्त मंत्री बेजालेल स्मोत्रिच ने समझौते को , "बुरा और इस्राएल की सुरक्षा के लिए खतरनाक समझौता" तो राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन गवीर ने इसे "विध्वंसकारी समझौता" कहा है.

समझौते में क्या है?

हाल के दिनों में इस युद्ध को खत्म करने के लिए काफी दबाव था. खासतौर से मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे कतर, मिस्र और अमेरिका ने समझौते के लिए जीतोड़ कोशिशें की. समझौते के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जासिम अल थानी ने कहा, "हमें उम्मीद है कि यह युद्ध का अंतिम पन्ना होगा और हमें यह भी उम्मीद है कि सभी पार्टियां इस समझौते की सभी शर्तों को लागू करेंगी." अल थानी ने यह भी कहा कि तीन देश काहिरा में एक व्यवस्था के जरिए इस संघर्ष विराम की शर्तों के लागू होने पर नजर रखेंगे. शुरुआती 42 दिन के संघर्ष विराम के दौरान 33 बंधकों को रिहा किया जाएगा.

नेतन्याहू और हमास के खिलाफ आईसीसी ने निकाला गिरफ्तारी का वारंट

पहले चरण में ही इस्राएली सेनाएं गजा की घनी आबादी वाले इलाकों से हट जाएंगी ताकि कैदियों की अदला बदली हो सके और साथ ही, "विस्थापित लोग अपने घरों को लौट सकें." दूसरे और तीसरे चरण में कितने फलीस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाएगा, यह संख्या भी 42 दिनों के शुरुआती चरण में ही तय की जाएगी. फलीस्तीनी लड़ाकों ने 251 लोगों को बंधक बनाया था इनमें से 94 अभी भी गजा में हैं. इनमें 34 वो लोग भी शामिल हैं जिन्हें इस्राएली सेना मृत बताती है.

समझौते पर दुनिया की प्रतिक्रिया

व्हाइट हाउस से समझौते का एलान करते हुए जो बाइडेन ने कहा कि वह, "बेहद संतुष्ट हैं कि यह दिन आ गया." बाइडेन ने इस समझौता वार्ता को अपने करियर में "सबसे कठिन" बताया है. बाइडेन ने यह भी कहा कि समझौते का दूसरा चरण "युद्ध को स्थायी रूप से बंद करा देगा" और उन्हें "भरोसा है" कि समझौता कायम रहेगा. उधर निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा, "यह ऐतिहासिक समझौता नवंबर में सिर्फ हमारी ऐतिहासिक जीत की वजह से संभव हो सका है." ट्रंप ने यह भी कहा कि व्हाइट हाउस, "इस्राएल और हमारे सहयोगियों के साथ करीबी से काम करता रहेगा ताकि यह तय कर सके कि गजा फिर कभी आतंकवादियों का ठिकाना ना बन सके."

मिस्र के सरकारी मीडिया ने रक्षा सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि गजा की सीमा पर राफाह के रास्ते को "दोबारा खोलने" की तैयारी चल रही है ताकि वहां मदद भेजी जा सके. संयुक्त राष्ट्र की फलीस्तीनी शरणार्थी एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए का कहना है कि वह गजा में सहायता मुहैया कराना जारी रखेगी.

यूरोपीय नेताओं ने भी संघर्षविराम के इस समझौते का स्वागत किया है. यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेयर लेयन ने कहा कि यह समझौता, "पूरे इलाके के लिए उम्मीद लेकर आया है." उन्होंने यह भी कहा, "दोनों पक्षों को पूरी तरह से यह समझौता जरूर लागू करना चाहिए जिससे कि इलाके में स्थाई रूप से स्थिरता आए और संघर्ष का कूटनीतिक समाधान निकाला जा सके." जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने भी इस खबर का स्वागत किया है और कहा है कि समझौते को जरूर "अक्षरशः" लागू किया जाए साथ ही उन्होंने बंधकों की तुरंत रिहाई की भी मांग की है जिन्हें हमास और उसके सहयोगियों ने पकड़ रखा है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इस समझौते का स्वागत किया है. बयान में कहा गया है, "हमें उम्मीद है कि अब गजा के लोगों तक सुरक्षित और निरंतर मानवीय सहायता की आपूर्ति होगी. हम सभी बंधकों की रिहाई, संघर्षविराम के साथ ही बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की बात लगातार कहते रहे हैं."

ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने इस समझौते को फलीस्तीनी प्रतिरोध के लिए "महान जीत" कहा है और इसके साथ ही इसके "संभावित उल्लंघन" के खिलाफ इस्राएल को चेतावनी दी है.

एनआर/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)

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