Punjab: अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में फूंका चुनावी बिगुल, बोले- यहां सत्ता की गंदी लड़ाई चल रही, 4 महीने बाद AAP की होगी स्थिर-ईमानदार सरकार
पंजाब में एक ओर सत्ता के लिए कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल राज्य में अपनी पार्टी की नींव और मजबूत करने के लिए पहुंच चुके है.
चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) में एक ओर सत्ता के लिए कांग्रेस (Congress) में घमासान मचा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) राज्य में अपनी पार्टी की नींव और मजबूत करने के लिए पहुंच चुके है. अपने दो दिवसीय दौरे की शुरुआत के साथ केजरीवाल ने पंजाब कांग्रेस पर हमला बोला और आगामी विधानसभा चुनाव में जीत का दावा किया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब यात्रा के दौरान कई बड़ी घोषणाएं करेंगे. Punjab: इस्तीफे के बाद से पार्टी नेताओं के निशाने पर सिद्धू, चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किलें और बढीं
मोहाली एयरपोर्ट से बाहर निकलने के बाद मीडिया से बात करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा “इस वक़्त पंजाब में राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. यहां सत्ता की गंदी लड़ाई चल रही है लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वे अपनी समस्याएं लेकर कहां जाएं. इन लोगों ने सरकार को तमाशा बना दिया है.”
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने का दावा करते हुए उन्होंने आगे कहा “अब आप ही पंजाब को एक स्थिर, अच्छी और ईमानदार सरकार दे सकती है. विधानसभा चुनाव में केवल चार महीने रह गए हैं. 4 महीने बाद जब चुनाव होंगे तब आप पंजाब में स्थिर और ईमानदार सरकार देगी.”
आप के मुताबिक केजरीवाल बुधवार को लुधियाना जाएंगे और वहां के व्यापारियों के साथ बैठक करेंगे. वह 30 सितंबर को संवाददाता सम्मेलन करेंगे. इसमें बड़ी घोषणाएं होगी. पंजाब में आप के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने भी कहा कि केजरीवाल बड़ी घोषणाएं करेंगे. आम आदमी पार्टी ने राज्य में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.
पिछले साल जून में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था कि सिख समुदाय का एक सदस्य पंजाब में पार्टी का मुख्यमंत्री 'चेहरा' होगा. 2017 के चुनावों में 20 सीटें जीतने के बाद, आप पंजाब में प्रमुख विपक्षी दल बन गई है. पंजाब में कुल 117 निर्वाचन क्षेत्र हैं.
उल्लेखनीय है कि राज्य में अगले साल फरवरी या मार्च में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है. इस बीच कांग्रेस पार्टी अंदरूनी कलह से जूझ रही है. पंजाब को इसी महीने नया मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मिला है. लेकिन इस बीच पार्टी के फैसलों में अहमियत न मिलने का हवाला देकर नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. इससे पहले राज्य का नेतृत्व कैप्टन अमरिंदर सिंह करते थे, जिन्होंने 2002 से 2007 और 2017 से सितंबर 2021 तक सीएम के रूप में साढ़े नौ साल पूरे करने के बाद हाल ही में इस्तीफा दे दिया था.