नई दिल्ली: 2019 चुनाव से पहले ही विपक्ष का महागठबंधन बिखरता नजर आ रहा है. बहुजन समाज पार्टी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए गठबंधन से इनकार कर दिया है. मायावती के इनकार के बाद बीजेपी की खिलाफ बन रहे महागठबंधन पर बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है. मायावती अब इस महागठबंधन से दूर जाती नजर आ रही हैं. बीएसपी सुप्रीमो ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को बीजेपी का एजेंट बताया और कहा कि कांग्रेस बीएसपी को खत्म करना चाहती है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती एक ओर जहां मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन से इंकार कर चुकी है. वहीं इसके अलावा वे छत्तीसगढ़ में अजित जोगी की पार्टी से गठबंधन बना चुकी है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती के इस ऐलान से पहले समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस को चेताया था कि वह समय बर्बाद न करे और बड़ा दिल दिखाते हुए बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए समान विचारधारा की पार्टियों को साथ लेकर आगे बढ़े. यादव ने कांग्रेस को यह भी कहा था कि कहीं ऐसा न हो कि देरी हो जाए और दूसरी पार्टियां अपने प्रत्याशी घोषित कर दें. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: केशव प्रसाद मौर्य का बड़ा बयान, कहा- हमारे पास PM मोदी है, महागठबंधन बीजेपी का विजयरथ नहीं रोक पाएगा
क्या है पूरा मामला
दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अपने एक बयान में कहा था कि मायावती सीबीआई के डर से गठबंधन में शामिल नहीं हो रही हैं. साथ ही सिंह ने मायावती पर पीएम मोदी और अमित शाह के दबाव की बात भी कही थी. इसके अलावा सिंह ने मायावती और चंद्रशेखर की तुलना करते हुए भीम आर्मी संस्थापक को अधिक मजबूत बताया.
इस बयान के बाद ही पलटवार करते हुए मायावती ने ना सिर्फ दिग्विजय सिंह को आरएसएस का एजेंट बताया और गठबंधन ना करने का भी ऐलान कर दिया.
अखिलेश ने किया BSP का समर्थन
दिग्विजय सिंह के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बीएसपी अकेली पार्टी है जो किसी से डरती नहीं है. यादव ने कहा, 'ऐसे आरोप लगाना गलत है. कल अगर मैं किसी पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल न होऊं तो मुझ पर भी ऐसे आरोप लगेंगे. यह सही नहीं है.