दिल्ली, 24 दिसंबर: देश के नौ राज्यों में 196 बेटर लाइफ फार्मिग सेंटर खोले गए हैं, जिनसे किसानों को खेतों से फसल बेचने की सुविधा मिलने के साथ-साथ ग्रामीण आबादी को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) बुधवार को इन सेंटरों का शुभारंभ किया. ये सेंटर कृषक उत्पादक संगठनों (Farmer Producer Organizations) के साथ मिलकर बेहतर कार्य करने के मकसद से खोले गए हैं. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि 10,000 नए एफपीओ बनने से गांवों में रोजगार बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्च र फंड से किसानों के खेतों तक जरूरी साधन व सुविधाएं मुहैयार करवाना सुगम होगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि सुधार के मकसद से मोदी सरकार द्वारा लागू नए कानूनों के अच्छे परिणाम आने वाले हैं और देशभर के किसान कृषि सुधार की सराहना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, पंजाब को छोड़कर देशभर के किसान इन कानूनों का खुलकर समर्थन कर रहे हैं. ये बेटर लाइफ फार्मिग सेंटर उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल व कर्नाटक में शुरू हुए हैं. इनके शुभारंभ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में करीब 15,000 प्रगतिशील किसानों और 200 एफपीओ के सदस्यों के साथ ही राज्यसभा सदस्य पद्मश्री डॉ. विकास महात्मे तथा सेंटरों के सदस्य शामिल हुए थे.
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि तोमर ने कहा कि 10,000 नए एफपीओ बनाने की स्कीम प्रारंभ हो गई है, जिस पर पांच साल में 6,850 करोड़ रुपये खर्च होंगे. उन्होंने कहा कि प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, कस्टम हायरिंग सेंटर व सामान्य सुविधा केंद्र के माध्यम से गांवों में रोजगार बढ़ेंगे और कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड से कोरोना संकट के दौरान लगभग डेढ़ करोड़ किसानों को लाभ मिला है, जिन्हें डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के ऋण स्वीकृत किए गए हैं. पीएम किसान सम्मान निधि में 10 करोड़ 59 लाख किसानों को 96 हजार करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं.
सांसद डॉ. महात्मे ने कहा कि बेटर लाइफ फार्मिग सेंटरों से किसानों को बहुत सुविधा होगी, वे उपज खेत से ही बेच सकेंगे. डॉ. महात्मे ने नए कानूनों को किसानों के हक में बताते हुए कहा कि किसानों को पहली बार मनचाही जगहों पर फसल बेचने की आजादी मिली है. उन्होंने कहा कि नये कानून से किसानों को वैकल्पिक बाजार मिला है, जिससे उनको फसलों का उचित भाव मिलना सुनिश्चित होगा.