विश्व हिंदू परिषद के चार जिलों के प्रभारी व विभाग अध्यक्ष पवन अरोरा ने पत्रकारों से रविवार को कहा कि देश के जवानों के खिलाफ टिप्पणी करने वालों को क्लीन चिट देना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा ''जिस किसी ने सेना के खिलाफ टिप्पणी की उसे सजा मिलनी चाहिए. इस तरह की कार्रवाई को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस मामले में विश्व हिन्दू परिषद का प्रतिनिधि मंडल सोमवार को बरेली के एडीजी पुलिस और एसएसपी से मिलेगा.'' उन्होंने कहा आईवीआरआई में पढ़ने वाली कश्मीर की तीन छात्राओं ने पुलवामा कांड के बाद सेना के जवानों पर विवादित टिप्पणी की थी.
गौरतलब है कि यह मामला जनवरी 2019 का है. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) में पढ़ने वाली कश्मीर की तीन छात्राएं डॉक्टर उफ़क, डा शामिया इरशाद और डॉक्टर होमेरा फयाज ने पुलवामा हमले के बाद सोशल मीडिया पर सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. पता लगने पर लोगों में आक्रोश फैल गया था और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने संस्थान में पहुंच कर आपत्ति दर्ज कराई थी. आईवीआरआई प्रबंधन ने भी जांच में छात्राओं को दोषी पाया ,इनमें एक छात्रा का नाम संस्थान से काट दिया गया जबकि दो छात्राओं की फेलोशिप पर स्कॉलरशिप रोक दी गई थी. एलआईयू की रिपोर्ट में भी विवादित टिप्पणी की बात सही पाई गई थी. इसके बाद तीनों छात्राओं के खिलाफ विहिप कार्यकर्ता अमित की तरफ से रिपोर्ट दर्ज की गई. यह भी पढ़ें : कश्मीरी पंडितों को आज भी डराता है जनवरी 1990 का खौफनाक वक्त
इज्जत नगर के थाना प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर केके वर्मा ने बताया कि इस मामले में अंतिम रिपोर्ट सात दिसंबर, 2019 को ही लगा दी गई थी. उन्होंने कहा कि छात्राओं ने लिखित में दिया था कि किसी को आघात पहुंचाने का कोई उद्देश्य नहीं था फिर भी अगर कोई आहत हुआ है तो इसके लिए वे दिल से लिखित माफी मांगती हैं.
सेना के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में अंतिम रिपोर्ट लगाने का पता चलने पर विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है