भगोड़े नीरव मोदी के बुरे दिन शुरू: वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नहीं दी जमानत, 26 अप्रैल तक जेल में कटेगी रात
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को 13,500 करोड़ रुपये की चपत लगाने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामले की सुनवाई शुक्रवार को वेस्टमिंस्टर कोर्ट में हुई.
लंदन: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को 13,500 करोड़ रुपये की चपत लगाने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामले की सुनवाई शुक्रवार को वेस्टमिंस्टर कोर्ट में हुई. भगोड़े नीरव मोदी के वकील ने इस दौरान दूसरी बार जमानत याचिका कोर्ट में पेश की. लेकिन कोर्ट ने सशर्त जमानत देने से साफ इनकार कर दिया. जिसके बाद अब नीरव मोदी को 26 अप्रैल तक जेल में ही रहना पड़ेगा.
सुनवाई के दौरान ब्रिटेन की अदालत ने कहा की यह मानने के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि नीरव मोदी आत्मसमर्पण नहीं करेगा. इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती है. 48 वर्षीय नीरव मोदी को 19 मार्च को लंदन में गिरफ्तार किया गया था. जमानत याचिका रद्द होने पर उसे 29 मार्च तक के लिए पुलिस की हिरासत में भेजा गया था.
भारतीय प्राधिकरण का पक्ष रख रहे क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने पहली सुनवाई के दौरान कहा था कि नीरव मोदी करीब दो अरब डॉलर के मनी लॉड्रिंग एवं धोखाधड़ी के मामले में वांटेड है. आज की सुनवाई में क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस की मदद के लिए भारत से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की एक टीम गई हुई है.
बताया जा रहा है कि ईडी लंदन नीरव मोदी और उनकी सहयोगी कंपनियों की 147 करोड़ की जायदाद से संबंधित दस्तावेज साथ ले गई है. पीएनबी धोखाधड़ी के मामले में एजेंसी ने 26 फरवरी को यह जायदाद जब्त की थी.
नीरव मोदी के वकीलों ने पहली सुनवाई में जमानत के लिये पांच लाख पाउंड की पेशकश की थी और कड़ी से कड़ी शर्तों को मानने पर सहमति व्यक्त की थी. लेकिन कोर्ट ने नीरव को जमानत देने से इनकार कर दिया था. वह पिछले कई दिनों से दक्षिण-पश्चिम लंदन की एचएमपी वेंडसवर्थ जेल में बंद था.
नीरव ने धोखाधड़ी से पीएनबी से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसी) के जरिए 13,500 करोड़ रुपए प्राप्त किए थे. साल 2018 में पीएनबी घोटाला सामने आने से कुछ महीने पहले भारत से फरार हो गया था. जिसके बाद इंटरपोल ने ईडी और सीबीआई के आग्रह पर जुलाई 2018 में नीरव के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.