टैक्स के क्षेत्र में पीएम मोदी का बड़ा कदम, ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करने लिए विशेष 'Taxation Platform' की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करने और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए विशेष टैक्सेशन प्लेटफॉर्म (Taxation Platform) की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत करते हुए कहा कि देश में चल रहा संरचनात्मक सुधारों का सिलसिला एक नए पड़ाव पर पहुंचा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करने और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए विशेष टैक्सेशन प्लेटफॉर्म (Taxation Platform) की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत करते हुए कहा कि देश में चल रहा संरचनात्मक सुधारों का सिलसिला एक नए पड़ाव पर पहुंचा है.
प्रधानमंत्री ने डायरेक्ट टैक्स रिफॉर्म्स के अगले चरण की शुरुआत करते हुए कहा कि फेसलेस एसेसमेंट और टैक्सपेयर चार्टर जैसे बड़े सुधार आज से लागू हो गए हैं. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की इस नई व्यवस्था का आज लोकार्पण किया गया है. इस प्लेटफॉर्म में फेसलेस असेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म्स शामिल हैं. यह भी पढ़े: PM Modi Launches the platform for Transparent Taxation- Honouring The Honest: टैक्सपेयर्स को पीएम मोदी ने दी सौगात, कहा-नया टैक्स सिस्टम फेसलेस और Taxpayers Charter आज से
क्या हैं नए रिफॉर्म
सीबीडीटी ने हाल के वर्षों में प्रत्यक्ष करों में कई प्रमुख या बड़े कर सुधार लागू किए हैं। पिछले वर्ष कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया एवं नई विनिर्माण इकाइयों के लिए इस दर को और भी अधिक घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया। ‘लाभांश वितरण कर’ को भी हटा दिया गया.
कर सुधारों के तहत टैक्स की दरों में कमी करने और प्रत्यक्ष कर कानूनों के सरलीकरण पर फोकस किया जा रहा है। आयकर विभाग ने हाल ही में ‘दस्तावेज पहचान संख्या (डिन) ’ की शुरुआत की जिसके जरिए आधिकारिक संचार में अधिक पारदर्शिता लायी जाएगी। इसके तहत विभाग के हर संचार या पत्र-व्यवहार पर कंप्यूटर सृजित एक अनूठी दस्तावेज पहचान संख्या अंकित होती है.
करदाताओं के लिए अनुपालन को ज्यादा आसान करने के लिए आयकर विभाग अब ‘पहले से ही भरे हुए आयकर रिटर्न फॉर्म’ प्रस्तुत करने लगा है, ताकि व्यक्तिगत करदाताओं के लिए अनुपालन को और भी अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके. साथ ही स्टार्ट-अप्स के लिए अनुपालन मानदंडों को सरल बनाया गया है.
फेसलेस असेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर आज से लागू हो गया है.फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर यानी दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। इसके तहत अब कर प्रणाली भले ही फेसलेस हो रही है लेकिन करदाताओं को ये न्याय और निर्भयता का विश्वास पैदा करेगा.
नई व्यवस्था पर पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 6 साल के दौरान अपनी सरकार के कामकाज की दिशा को रेखांकित करते हुए कहा कि बीते छह वर्षों में हमारा फोकस रहा है, जिसमें बैंकिंग द अनबैंक्ड, सिक्योरिंग द अनसिक्योर्ड और फंडिंग द अनफंडेड.इसके अलावा आज एक तरह से एक नई यात्रा शुरू हो रही है। उन्होंने कहा कि आज से शुरू हो रही नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं, मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती हैं. ये देशवासियों के जीवन से सरकार को, सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज हर नियम-कानून को हर पॉलिसी को प्रक्रिया और पावर सेंट्रिक अप्रोच से बाहर निकालकर उसको लोगों पर केंद्रित और लोगों के लिए सुगम बनाने पर बल दिया जा रहा है.ये नए भारत के नए गवर्नेंस मॉडल का प्रयोग है और इसके सुखद परिणाम भी देश को मिल रहे हैं.भारत के टैक्स सिस्टम में बुनियादी और संरचनात्मक सुधारों की जरूरत इसलिए थी क्योंकि हमारा आज का ये सिस्टम गुलामी के कालखंड में बना और फिर धीरे-धीरे विकसित हुआ.आजादी के बाद इसमें यहां वहां थोड़े बहुत परिवर्तन किए गए लेकिन मुख्य रूप से सिस्टम का कैरेक्टर वहीं रहा.
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे लिए सुधार का मतलब है कि वह नीति आधारित हो टुकड़ों में नहीं हो, समग्र हो और एक सुधार, दूसरे सुधार का आधार बने, नए सुधार का मार्ग बनाए। और ऐसा भी नहीं है कि एक बार सुधार करके रुक गए. ये निरंतर और चलने वाली प्रक्रिया है। एक दौर था जब हमारे यहां सुधारों की बहुत बातें होती थीं. कभी मजबूरी में कुछ फैसले लिए जाते थे, कभी दबाव में कुछ फैसले हो जाते थे, तो उन्हें सुधार कह दिया जाता था.इस कारण इच्छित परिणाम नहीं मिलते थे. अब ये सोच और अप्रोच, दोनों बदल गई है.