Driverless Metro: दिल्ली को मिली पहली ड्राइवरलेस मेट्रो की सौगात, पीएम मोदी बोले- 2025 तक 25 शहरों में मेट्रो चलाने का लक्ष्य

पीएम मोदी ने दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर देश की पहली ड्राइवर लेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए.

पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी (Photo: ANI)

नई दिल्ली: देश को बिना ड्राइवर के चलने वाली पहली मेट्रो (Driverless Metro) की सौगात मिल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर देश की पहली ड्राइवर लेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हुए. ड्राइवरलेस मेट्रो को हरी झंडी दिखाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश में 2025 तक करीब 25 शहरों में मेट्रो चलाने का प्लान है. पहले चरण में ड्राइवरलेस मेट्रो मजेंटा लाइन पर जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन तक दौड़ेगी, जिसे बाद में आगे भी बढ़ाया जाएगा.

पीएम मोदी ने कहा, दिल्ली में मेट्रो की चर्चा बरसों तक चली लेकिन पहली मेट्रो अटल जी के प्रयासों से चली. पीएम मोदी ने कहा, 'आज नेशनल कॉमन मॉबिलिटी कार्ड से भी मेट्रो जुड़ रही है. पिछले साल अहमदाबाद से इसकी शुरुआत हुई थी. आज इसका विस्तार दिल्ली मेट्रो की एयर पोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर हो रहा है.' Mann Ki Baat: 2020 के अखिरी मन की बात में बोले PM मोदी, नए साल पर रिजोल्युशन देश के लिए लें.

पीएम मोदी ने कहा, 2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी. आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है. वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं, साल 2014 में देश में सिर्फ 248 किलोमीटर मेट्रो लाइन्स आपरेशनल थीं. आज ये करीब तीन गुनी यानी सात सौ किलोमीटर से ज्यादा है.

प्रधानमंत्री ने कहा, मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए, मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है. मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है, और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है. रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुंच गयी है.

पीएम ने कहा, जिन शहरों में बड़ी वाटर बॉडी हैं, वहां अब वाटर मेट्रो पर काम किया जा रहा है. इससे शहरों को बेहतर कनेक्टिविटी के साथ ही उनके पास मौजूद द्वीपों के लोगों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी का लाभ मिल सकेगा. कोच्चि में ये काम तेजी से चल रहा है.

पीएम ने आगे कहा, हम ऐसे ब्रेकिंग सिस्टम का प्रयोग कर रहे हैं जिनमें ब्रेक लगाने पर 50 फीसदी उर्जा वापस ग्रिड में चली जाती है. आज मेट्रो रेल में 130 मेगावाट सोलर पावर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर 600 मेगावाट तक ले जाने का इरादा है.

Share Now

\