भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज (15 नवंबर) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अपने दौरे के दौरान पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamalapati Railway Station) का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि देश के रेलवे स्टेशन के पूरे ईको सिस्टम को ट्रांसफार्म करने के लिए 175 से अधिक रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है. उन्होंने कहा “आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आज भारत आने वाले वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है, बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा है. भारतीय रेल का भविष्य कितना आधुनिक और उज्जवल है, इसका प्रतिबिंब भोपाल के इस आधुनिक स्टेशन पर जो भी आएगा, उसे दिखाई देगा.” गांधी नगर रेलवे स्टेशन बना महिलाओं द्वारा संचालित भारत का पहला मुख्य लाइन स्टेशन, संयुक्त राष्ट्र ने की सराहना
प्रधनामंत्री ने कहा “भारत कैसे बदल रहा है, सपने कैसे सच हो सकते हैं, ये देखना हो तो आज इसका उत्तम उदाहरण भारतीय रेलवे भी बन रहा है. 6 वर्ष पहले तक जिसका भी पाला भारतीय रेलवे से पड़ता था वो भारतीय रेल को कोसते हुए जाता नजर आता था. स्टेशन पर भीड़-भाड़, गंदगी, ट्रेन के इंतज़ार में घंटों की टेंशन, स्टेशन पर बैठने-खाने-पीने की असुविधा, ट्रेन के भीतर गंदगी, सुरक्षा की चिंता, दुर्घटना का डर, ये सबकुछ एक साथ दिमाग में चलता रहता था. लोगों ने स्थितियों के बदलने की उम्मीदें तक छोड़ दी थीं.”
Improving railways infrastructure in Bhopal. https://t.co/SWwhd8gt4N
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2021
गुजरात के गांधी नगर रेलवे स्टेशन का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा “कुछ महीने पहले गुजरात में गांधी नगर रेलवे स्टेशन का नया अवतार देश और दुनिया ने देखा था. आज मध्य प्रदेश के भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में देश का पहला ISO सर्टिफाइड, देश का पहला पीपीपी मॉडल आधारित रेलवे स्टेशन देश को समर्पित किया गया है. जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट में मिला करती थीं, वो आज रेलवे स्टेशन में मिल रही हैं.”
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की खासियत बताते हुए पीएम मोदी ने कहा “इसमें भारतीय रेलवे का पहला सेंट्रल एयर कॉनकोर्स बनाया गया है. इसमें सैंकड़ो यात्री एक साथ बैठकर ट्रैन का इंतजार कर सकते हैं. इसकी खास बात ये है कि सारे प्लेटफॉर्म इस कॉनकोर्स से जुड़े हुए हैं, इसलिए यात्रियों को अनावश्यक भाग-दौड़ करने की जरूरत नहीं होगी.”
अपने संबोधन में उन्होंने कहा “एक ज़माना था, जब रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को भी ड्रॉइंग बोर्ड से ज़मीन पर उतरने में ही सालों-साल लग जाते थे. लेकिन आज भारतीय रेलवे में भी जितनी अधीरता नए प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग की है, उतना ही गंभीरता उनको समय पर पूरा करने की है. बीते 7 वर्षों में हर वर्ष औसतन 2,500 किमी ट्रैक कमीशन किया गया है. जबकि उससे पहले के वर्षों में ये 1,500 किमी के आस-पास ही होता था. पहले की तुलना में इन वर्षों में रेलवे ट्रैक के बिजलीकरण की रफ्तार पांच गुना से अधिक हुई है.”
रेल टूरिज्म पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा “भारतीय रेल सिर्फ दूरियों को कनेक्ट करने का माध्यम नहीं है, बल्कि ये देश की संस्कृति, देश के पर्यटन और तीर्थाटन को कनेक्ट करने का भी अहम माध्यम बन रही है. आज़ादी के इतने दशकों बाद पहली बार भारतीय रेल के इस सामर्थ्य को इतने बड़े स्तर पर एक्स्प्लोर किया जा रहा है. पहले रेलवे को टूरिज्म के लिए अगर उपयोग किया भी गया, तो उसको एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित रखा गया. पहली बार सामान्य मानवी को उचित राशि पर पर्यटन और तीर्थाटन का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है. रामायण सर्किट ट्रेन ऐसा ही एक अभिनव प्रयास है.”