नई दिल्ली: मणिपुर में दो से अधिक साल पहले भड़की जातीय हिंसा के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के राज्य दौरे की संभावना जताई जा रही है. सूत्रों के अनुसार, पीएम 13-14 सितंबर को असम और मिजोरम की यात्रा करेंगे और इसी दौरान मणिपुर का भी दौरा कर सकते हैं. मणिपुर में 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा जारी है, इस हिंसा में 250 से ज्यादा लोग मारे गए और करीब 57,000 लोग बेघर हो गए. हालात बिगड़ने के बाद इस साल फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है. हालांकि पिछले कुछ महीनों से स्थिति अपेक्षाकृत शांत बताई जा रही है.
पीएम के दौरे को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इंफाल स्थित कांगला किला और चुराचांदपुर का पीस ग्राउंड संभावित कार्यक्रम स्थलों में शामिल हैं. राज्य पुलिस को 7 से 14 सितंबर के बीच किसी भी अधिकारी को छुट्टी न देने के निर्देश दिए गए हैं.
दोनों समुदायों की अलग-अलग उम्मीदें
कुकी समुदाय के नेताओं का कहना है कि वे चाहते हैं पीएम उनके प्रतिनिधियों से मिलें और राहत शिविरों का दौरा करें. वहीं, मैतेई समूह उम्मीद जता रहे हैं कि प्रधानमंत्री के आने से शांति प्रक्रिया को नई दिशा मिलेगी.
राज्य में बीजेपी के ही कई नेता राष्ट्रपति शासन खत्म कर चुनी हुई सरकार बहाल करने की मांग कर रहे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि पीएम अपने दौरे में पुनर्वास पैकेज और राजनीतिक बहाली से जुड़े संकेत भी दे सकते हैं.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस का कहना है कि पीएम का यह दौरा बहुत देर से लिया गया कदम है. लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का तर्क है कि जब हिंसा चरम पर थी, उस समय प्रधानमंत्री का दौरा जोखिम भरा होता. अब जब हालात अपेक्षाकृत स्थिर हैं, यह दौरा शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकता है.
पीएम मोदी का मणिपुर दौरा केवल राजनीतिक महत्व नहीं रखता, बल्कि यह दोनों समुदायों के बीच विश्वास बहाल करने की दिशा में भी अहम साबित हो सकता है.













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