Atal Tunnel: हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में पीएम मोदी ने किया अटल सुरंग का उद्घाटन, जानें दुनिया के सबसे लंबे हाइवे टनल की खासियत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग अटल टनल का उद्घाटन कर दिया है. रविवार सुबह 10 बजे पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में अटल टनल का उद्घाटन किया. दुनिया के सबसे लंबे हाइवे टनल के कारण मनाली और लेह के बीच की दूरी करीब 46 किलोमीटर घट जाएगी. इसके अलावा यात्रा का समय भी 4 से 5 घंटे कम हो जाएगा. अटल टनल की लंबाई 9.2 किलोमीटर है.
रोहतांग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दुनिया के सबसे लंबे राजमार्ग सुरंग अटल टनल (Atal Tunnel) का उद्घाटन कर दिया है. रविवार सुबह 10 बजे के करीब पीएम मोदी (PM Modi) ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के रोहतांग (Rohtang) में अटल टनल का उद्घाटन करके इसे देश को सौंप दिया है. इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और वित्त राजमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मौजूद रहे. इस सुरंग के उद्घाटन से पहले शुक्रवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने अटल टनल का दौरा किया था. टनल के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी लाहौल स्पीति के सीसू और सोलांग घाटी में एक कार्यक्रम में शामिल होंगे.
बता दें कि दुनिया के सबसे लंबे हाइवे टनल के कारण मनाली और लेह के बीच की दूरी करीब 46 किलोमीटर घट जाएगी. इसके अलावा यात्रा का समय भी 4 से 5 घंटे कम हो जाएगा. अटल टनल की लंबाई 9.2 किलोमीटर है, जो भारी बर्फबारी के दौरान भी मनाली को लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी. दरअसल, यहां साल के छह महीने होने वाली बर्फबारी की वजह से बाकी के हिस्से घाटी से कटे रहते थे.
पीएम मोदी ने किया अटल टनल का उद्घाटन
अत्याधुनिक विशिष्टताओं से लैस यह सुरंग समुद्र तल से करीब 3 हजार मीटर की ऊंचाई पर हिमालय के पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित है. इसका आकार घोड़े की नाल की तरह है और दो लेन वाली इस सुरंग की सड़क की चौड़ाई 8 मीटर है, जबकि ऊंचाई 5.525 है. मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर 3060 मीटर की ऊंचाई पर सुरंग का दक्षिणी पोर्टल स्थित है, जबकि इसका उत्तरी पोर्टल लाहौल घाटी में सेलिंग सीसू गांव के करीब 3071 मीटर की ऊंचाई पर है.
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अटल सुरंग को बनाने का फैसला साल 2000 में उस दौरान किया गया था, जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे इस सुरंग को बनाने का फैसला किया था और इस टनल के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 में रखी गई थी. साल 2019 में पीएम मोदी सरकार ने पूर्व पीएम अटल बिहारी के सम्मान में इस सुरंग का नाम अटल टनल रखने का फैसला किया. करीब 3,300 करोड़ रुपए की लागत से बने इस सुरंग को देश की रक्षा के नजरिए से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह भी पढ़ें: Atal Tunnel Launch Live Streaming: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतांग में करेंगे अटल सुरंग का उद्घाटन, यहां देखें लाइव
सर्दियों में भारी बर्फबारी के चलते मनाली-लेह हाइवे पर रोहतांग, बारालचा, लुंगालाचा ला और टालंग ला तक पहुंचना नामुमकिन हो जाता है. पहले जहां मनाली से सीसू तक पहुंचने के लिए 5-6 घंटे लग जाते थे, वहीं अब इस सुरंग के जरिए इस दूरी को महज 1 घंटे में पूरी की जा सकती है. इस टलन का निर्माण बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा किया गया है. इस सुरंग के डिजाइन को हर रोज 3 हजार कारों और 1500 ट्रकों की आवाजाही के लिए तैयार किया गया है, जिसमें वाहनों की अधिकतम गति 80 किलोमीट प्रति घंटे होगी.