भारत-इंडोनेशिया के बीच 15 समझौतों पर हस्ताक्षर, PM मोदी बोलें- साथ मिलकर करेंगे आतंकवाद को नेस्तनाबूद
PM मोदी और राष्ट्रपति जोको विडोडो (Photo Credi: PIB)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के अपने पांच दिवसीय दौरे के पहले चरण में मंगलवार को इंडोनेशिया पहुंचे. इसदौरान पीएम मोदी ने भारत जकार्ता संबधों को और मजबूती बनाने के लिए राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. जिसके बाद भारत-इंडोनेशिया ने रक्षा तथा रेल समेत 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए है. उन्होंने हाल ही में हुए आतंकी हमलों में मारे गए इंडोनेशियाई लोगों के प्रति गहरा दुख व्यक्त करते हुए आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत का पूरा सहयोग देने का वादा किया.

भारत और इंडोनेशिया की साझा प्रेस कॉन्फ्रेन्स में पीएम मोदी ने कहा कि इंडोनेशिया और भारत की संस्कृति का नाता हजारों साल पुराना है. दोनों देशों के बीच प्राचीन समय से सांस्कृतिक संबंध कायम हैं. हम एक जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. पीएम मोदी ने आतंकवाद की लड़ाई में इंडोनेशिया को मदद देने का वादा किया.

“शिक्षा, विज्ञाव व प्रौद्योगिकी पर दोनों देश सहयोग बढ़ाएंगे. आज हमारे बीच हुए समझौतों से द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत मिलेगी. हम 2025 तक द्वपक्षीय व्यापार को 50 बिलियन डॉलर के स्तर तक ले जाने के लिए अपने प्रयास दोगुना करेंगे.”

मोदी ने भारत की ओर से रमजान के लिए इंडोनेशियाईवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं भी दी. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के तहत इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पहुंच गए हैं. जकार्ता एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ. एयरपोर्ट पर उन्हें गॉड आफ आनर दिया गया. इंडोनेशिया के वरिष्ठ मंत्रियों ने उनका स्वागत किया.

प्रधानमंत्री मोदी का आज जकार्ता में बहुत ही व्यस्त कार्यक्रम है. उन्होंने दक्षिण जकार्ता में कलिबाता वीर समाधि पर इंडोनेशिया के स्वतंत्रता संग्राम में प्राणों की आहुति देने वाले नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. कब्रिस्तान में इंडोनेशियाई स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए 7,000 से ज्यादा सैनिकों और युद्ध के नायकों को दफनाया गया है. मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो एक पतंग उत्सव का भी उद्घाटन किया.

इसके अलावा मोदी यहां जकार्ता क्नवेंशन सेंटर में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे और भारत-इंडोनेशिया सीईओ संगोष्ठी में भी भाग लेंगे. इंडोनेशिया में भारतीय मूल के करीब 100,000 लोग रहते हैं और देश भर में 7,000 अनिवासी भारतीय विभिन्न क्षेत्रों में बतौर पेशेवर कार्यरत हैं.