नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेपाल यात्रा का आज अंतिम दिन है. इसके साथ ही आज चौथा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन भी सम्पन्न हो रहा है. काठमांडू में बिम्सटेक सम्मेलन के दूसरे दिन आज घोषणापत्र जारी किया जाएगा जिसमें पीएम मोदी सहित कुल साथ देशों के शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे.
यह घोषणापत्र बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में बसे दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग पर आधारित होगा. इस समिट में आतंकवाद, सुरक्षा के विविध आयाम, ड्रग्स तस्करी, साइबर क्राइम, कारोबार समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को बिम्सटेक के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि "हमारे हर देश को शांति, समृद्धि और खुशी की तलाश है, लेकिन आज एक दूसरे से जुड़ी दुनिया में हम अकेले इसे नहीं प्राप्त कर सकते हैं." मोदी ने कहा, "हमें साथ-साथ चलना है, एक दूसरे की मदद करनी है और एक दूसरे के प्रयासों का पूरक बनना है."
PM @narendramodi with other leaders during the BIMSTEC retreat in Kathmandu. pic.twitter.com/3wDFqylp8Z— PMO India (@PMOIndia) August 31, 2018
बिमस्टेक समिट के जरिए दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों का संगम होनेवाला है जिसमें 14 क्षेत्रों में सहयोग पर बात बनेगी. इस मौके पर सभी देश सुरक्षा और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ कनेक्टीविटी और आर्थिक साझेदारी बढ़ाने के मसले पर भी रणनीति तैयार करेंगे.
बैंकॉक घोषणा पत्र के माध्यम से छह जून 1997 को बिम्सटेक की स्थापना हुई थी. इस क्षेत्रीय समूह में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल हैं. लेकिन पाकिस्तान को इसमें शामिल नहीं किया गया है. दरअसल पाकिस्तान की जमीन पर आतंकियों के पनपने को लेकर सभी देशों ने पाकिस्तान को बिम्सटेक से अलग रख. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने साफ संकेत दिया था कि अगर पाकिस्तान अपना असहयोगात्मक रवैया नहीं छोड़ेगा, तो भारत क्षेत्रीय सहयोग में उसे शामिल नहीं करेगा.
Addressing the Inaugural Session of the BIMSTEC Summit in Kathmandu. Watch. https://t.co/01KQh3Gpeb— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2018
बिम्सटेक का पूरा नाम “बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकॉनॉमिक कोपरेशन” है. भारत, बांग्लादेश, म्यांमा, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल इस समिट के सदस्य है. बिम्सटेक देशों में दुनिया की 22 फीसदी आबादी रहती है तो सदस्य देशों की कुल जीडीपी 2.8 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है.