Plasma Donation Campaign: कोरोना मरीजों के इलाज के लिए इंदौर में चलेगा प्लाज्मा डोनेशन अभियान
इंदौर में कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थैरेपी को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए प्लाज्मा डोनेशन अभियान चलाया जाएगा. उन लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जो कोरोना को मात दे चुके हैं.
भोपाल, 30 अप्रैल : इंदौर (Indore) में कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थैरेपी को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए प्लाज्मा डोनेशन अभियान चलाया (Plasma Donation Campaign) जाएगा. उन लोगों को प्लाज्मा डोनेट (Plasma Donate) करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जो कोरोना को मात दे चुके हैं. इंदौर संभाग के आयुक्त पवन कुमार शर्मा ने तमाम लोगांे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करते हुए कहा कि दिल्ली और मुम्बई में टोसी जैसे इंजेक्शन की कम जरूरत पड़ी है, क्योंकि वहां पर प्लाज्मा का तुलनात्मक रूप से अधिक उपयोग हुआ है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बताया गया कि प्लाज्मा डोनेशन में वही शर्ते निर्धारित रहती हैं, जो रक्तदान के लिए आवश्यक होता है. डोनर की आयु 18 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम होनी चाहिए. उसे कोई पुरानी गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए.
डॉक्टर अशोक यादव (Ashok Yadav) ने बताया कि इंदौर में प्लाज्मा लेने के लिए उम्दा गुणवत्ता की मशीनें उपलब्ध हैं. डोनर से 400 से 500 एमएल प्लाज्मा लिया जाता है, जो कि दो व्यक्तियों को डोज देने के लिए पर्याप्त रहता है. नगर निगम की प्रतिभा पाल ने उन परस्थितियों का जिक्र किया जिनके कारण कोई डोनर प्लाज्मा डोनेशन में हिचकिचाहट रखता है. उन्होंने बताया कि प्राय: डोनर हॉस्पिटल नहीं आना चाहता और साथ ही वर्तमान परिस्थितियों में प्लाज्मा डोनेशन के लिए एक सुरक्षित वातावरण भी चाहता है. यह भी पढ़ें : IIT Bombay ने किया कमाल! ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए खोजा सरल तरीका
संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने व्यवस्था बनाते हुए निर्देश दिए कि ऐसे व्यक्ति जो प्लाज्मा डोनेट करना चाहते हैं उनसे नगर निगम की टीम एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा संपर्क किया जाएगा और उनकी काउंसलिंग की जाएगी. डोनेशन के लिए तैयार होने पर हम उनके घर में पैरामेडिकल स्टाफ भेज कर एंटीबॉडी की जांच करेंगे. इसके बाद एक बेहद सुरक्षित स्थल और वातावरण में उन्हें प्लाज्मा डोनेशन के लिए बुलाया जाएगा. जिस स्थान पर प्लाज्मा डोनेशन होगा वहां पर उसके लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया जाएगा ताकि डोनर स्वयं को सुरक्षित महसूस कर सके. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने कहा कि हमारे पास कोविड से ठीक हो चुके मरीजों का डाटाबेस उपलब्ध है हम उनसे सम्पर्क कर प्लाज्मा डोनेशन के लिए प्रेरित करेंगे.