Hathras Stampede Tragedy: हाथरस भगदड़ मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट में PIL दाखिल, न्यायिक जांच की उठी मांग

उत्तर प्रदेश के हाथरस में बीते मंगलवार को हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका में 5 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी से सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है.

Photo- ANI/Wikimedia

Hathras Stampede Tragedy: उत्तर प्रदेश के हाथरस में बीते मंगलवार को हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका में 5 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी से सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है. इसके साथ ही हाथरस कांड पर यूपी की योगी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट की भी मांग की गई है. जनहित याचिका में हाथरस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है और ऐसे समारोह के आयोजनों के लिए एक गाइडलाइन बनाने की मांग की गई है. यह जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने दायर की है.

वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में CBI जांच की मांग की गई है. यह पीआईएल एडवोकेट गौरव द्विवेदी ने दायर की है, जो इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील हैं.

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इस घटना को लेकर आज यूपी पुलिस ने हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले 'भोले बाबा' की तलाश में मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया. हालांकि, इस दौरान कैंपस के अंदर बाबा नहीं मिले. राहत आयुक्त कार्यालय के एक बयान के अनुसार, इस हादसे में अब तक 121 लोगों की जान जा चुकी है और 28 घायल हैं. इन घायलों में से 6 लोगों को अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, 6 लोगों अलीगढ़ के दीन दयाल अस्पताल और 9 लोगों का हाथरस के बागला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.

हाथरस में भगदड़ की इस घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस हादसे की हर एंगल की जांच की जा रही है. यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह दुर्घटना थी या किसी साजिश के तहत इसे अंजाम दिया गया. राज्य सरकार हाथरस की घटना के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को उचित सजा दिलाई जाएगी. गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में एक टीम बनाई गई है, जिसे विस्तृत रिपोर्ट देने का काम सौंपा गया है. ऐसी घटना पर संवेदना व्यक्त करने के बजाय विपक्ष द्वारा राजनीति करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बीते मंगलवार को भोले बाबा का सत्संग चल रहा था. सत्संग खत्म होते ही कई लोग वहां से निकलने लगे. सड़क उबड़-खाबड़ होने के कारण भगदड़ मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े.

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